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अतीत के दस्तावेज होते हैं छाया चित्र

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 10:45 PM (IST)
अतीत के दस्तावेज होते हैं छाया चित्र

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

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ओंकारानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में आयोजित फोटो प्रदर्शनी छात्र-छात्राओं के लिए यादगार बन गई। गुरुवार को संस्थान के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रदर्शनी के अंतिम दिन मुख्य अतिथि ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि छाया चित्र अतीत के ऐसे दस्तावेज होते हैं जो इतिहास को चिरस्थाई बनाए रखते हैं। उन्होंने छात्रों से अपने भीतर छिपी प्रतिभा को निखारने की अपील की। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. आदित्य गौतम ने कहा कि प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य छात्रों के भीतर छुपी प्रतिभा को निखाना है। इस मौके पर वरिष्ठ छायाकार मनोज रांगड़ के छाया चित्रों के साथ पंकज कौशल, मनीष, कृष्णा रावत, नीरज राणा व मेघना खुराना के फोटो प्रदर्शित किए गए थे। दर्शकों ने मनोज रांगड़ के पुराना टिहरी शहर की यादों को संजोए संगह 'मेरी टिहरी' की खूब सराहना की। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष आशीष डोभाल, चेतन शर्मा, प्रमोद उनियाल, इंदु गौतम, अपूर्व त्रिवेदी, नरेंद्र पंवार, समीक्षा जैन, आम्रपाली नेगी, चारु खुराना, मनमोहन लखेड़ा, आलोक उनियाल आदि उपस्थित थे।


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