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मेडिकल कॉलेज में बंद होगा 'गुब्बारा'

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून-दून महिला अस्पताल में बीते पांच साल से क्रियाशील 'गुब्बारा' बंद होने

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 11:02 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में बंद होगा 'गुब्बारा'
मेडिकल कॉलेज में बंद होगा 'गुब्बारा'

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून-दून महिला अस्पताल में बीते पांच साल से क्रियाशील 'गुब्बारा' बंद होने जा रहा है। विभाग ने संस्था का करार नहीं बढ़ाया है। मार्च में करार खत्म हो जाएगा। जिसके बाद अभिभावकों को बच्चों संग कोरोनेशन अस्पताल की दौड़ लगानी होगी।

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'गुब्बारा' का संचालन लतिका राय मेमोरियल फाउंडेशन सोसाइटी करती थी। दून अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर वर्ष 2011 से केंद्र संचालित किया जा रहा है। यहां विशेष बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की जाती थी। इसके अलावा महिला अस्पताल के निक्कू वार्ड में भर्ती नौनिहालों का भी फालोअप किया जाता था। ताकि यह देखा जा सके कि उनका विकास सामान्य है या नहीं। उसी अनुरूप परामर्श दिया जाता है। एनजीओ को इस काम के लिए भुगतान सरकार करती है। मगर अब दून-दून महिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जा चुका है। यहां एमसीआइ के मानकों के अनुरूप कई निर्माण किए जा रहे हैं। जिसके लिए अस्पताल के पास जगह सीमित है। बताया गया कि इन परिस्थितियों में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 'गुब्बारा' के संचालन पर असमर्थता जाहिर कर दी। इस केंद्र के पास अस्पताल की 2400 वर्ग फुट जगह है। अधिकारी मान रहे हैं कि इसे किसी अन्य काम में लाया जा सकता है। उसपर केंद्र के संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त बजट भी नहीं है। ऐसे में इसे बंद किया जा रहा है।

कोरोनेशन की लगानी होगी दौड़

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत थैलीसीमिया, अंधता जैसी जन्मजात बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसके लिए राज्य स्तर पर इबीडी सेल (अर्ली बर्थ डिफेक्ट) बनी है, जबकि विभिन्न जनपदों में अर्ली इंटरवेंशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। दून में कोरोनेशन अस्पताल में सेंटर क्रियाशील है। ऐसे में 'गुब्बारा' में आने वाले बच्चे अब वहां जाएंगे।

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अस्पताल का मेडिकल कॉलेज के रूप में विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में जगह बहुत सीमित है। इसके अलावा बजट भी पर्याप्त नहीं है। इस स्थिति में एनजीओ का करार नहीं बढ़ाया गया। मार्च में करार खत्म हो जाएगा।

-डॉ. वाईएस थपलियाल, सीएमओ


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