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पंचायत चुनाव के लिए वोटर बनने का अभी मौका, शिक्षकों ने खींचे हाथ

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची बनाने के कार्य से शिक्षकों ने हाथ खींच लिए हैं। उनका तर्क है कि इससे छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 12:16 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 04:03 PM (IST)
पंचायत चुनाव के लिए वोटर बनने का अभी मौका, शिक्षकों ने खींचे हाथ
पंचायत चुनाव के लिए वोटर बनने का अभी मौका, शिक्षकों ने खींचे हाथ

देहरादून, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची बनाने के कार्य से शिक्षकों ने हाथ खींच लिए हैं। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ और प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने विरोध करते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। कहा कि लोकसभा चुनाव तैयारी के बाद पंचायत चुनाव में मतदाता सूची में ड्यूटी लगने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। 

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लोकसभा के लिए मतदान कार्य में एक माह का समय देने के बाद प्रदेश के 90 फीसद शिक्षकों की ड्यूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची बनाने के लिए लगा दी है। मतदाता सूची बनाने का काम घर-घर जाकर किया जाना है। इसके लिए 23 अप्रैल से 16 मई तक शिक्षकों को इस कार्य के लिए अलग-अलग विकास खंडों में तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। 

लोकसभा चुनाव में एक माह तक ड्यूटी निभाने के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची बनाने के कार्य से शिक्षकों ने इन्कार कर दिया है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा, राजेंद्र बहुगुणा, सतीश घिल्डियाल, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने शिक्षा सचिव, निदेशक, राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखते हुए कहा कि पंचायत मतदाता सूची बनाने के कार्य से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए। 

उन्होंने गैर शिक्षण कार्य में किसी भी शिक्षक की ड्यूटी न लगाने की मांग की है। इससे शिक्षण गतिविधियों पर बुरा असर पड़ने की भी बात कही गई। बहरहाल शिक्षकों के इस निर्णय से पंचस्थानी कार्यालयों की मुश्किलें बढ़ सकती है। साथ ही राज्य में पंचायत चुनाव समय पर होने की संभावनाएं भी अधर में लटक जाएंगी।

पंचायत चुनाव के लिए वोटर बनने का अभी मौका

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटर बनने का अभी एक और मौका है। मतदाता सूची बनाते समय निकाय चुनाव जैसी गड़बड़ी न रहे, इसके लिए प्रशासन और पंचस्थानी चुनाव कार्यालय एक-एक गांव की सूची को गंभीरता से तैयार करने में जुट गया है। इसके लिए 12 जुलाई तक अंतिम सूची का प्रकाशन करने का लक्ष्य रखा गया है। 

इस बीच तैयार सूची को जन सामान्य को उपलब्ध कराया जाएगा। निकाय चुनाव में देहरादून समेत राज्य के सभी सभी जिलों में मतदाताओं के नाम गायब मिले। इस दौरान मतदान करने पहुंचे लोगों ने खूब हंगामा भी काटा। राज्य निर्वाचन आयोग तक मामला पहुंचा तो प्रकरण में जांच बिठाई गई। हालांकि जांच पर कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। मगर, इसका असर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची बनाने में दिख रहा है। 

जिला पंचस्थानी कार्यालय का दावा है कि एक-एक गांव की सूची पारदर्शिता से बनाई जा रही है। इसमें प्रत्येक परिवार तक बीएलओ को पहुंचाया जा रहा है। ताकि सूची से नाम छूटने की कोई गुंजाइश ही न रहे। प्रभारी अधिकारी पंचस्थानी सुशील जोशी का कहना है कि 15 अप्रैल से निर्वाचक नामावली का कार्य शुरू हो गया है। 12 जुलाई तक यह कार्य पूरा होगा। 

इसमें क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव के लिए सूची तैयार होनी है। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2019 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्ति सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए 23 अप्रैल से 12 मई तक बीएलओ घर-घर जाकर वोटरों का सर्वे करेंगे। 13 से 16 मई तक निर्वाचक नामावलियों की पाडुलिपिया तैयार की जाएंगी। 

कब क्या होगा- 

-17 व 18 मई को पाडुलिपिया पंचास्थानी चुनावालय में जमा। 

-20 मई से 16 जून तक नामावलियों की डाटा इंट्री। 

-17 व 18 जून को नामावलियों की प्रतिया मतदान केंद्रों में रखी जाएंगी। 19 जून को निर्वाचक नामावली के आलेख्य का प्रकाशन। 

-20 से 26 जून तक दावे, आपत्तिया प्राप्त किए जाएंगे। 

-27 से जून से एक जुलाई तक दावे आपत्तियों की जाच एवं निस्तारण। 

-02 व 03 जुलाई को पूरक सूची की पाडुलिपिया तैयार होंगी। 

-04 व 05 जुलाई को पंचस्थानी चुनाव कार्यालय को उपलब्ध की जाएगी। 

-06 से 10 जुलाई तक पूरक सूचियों की डाटा एंट्री होगी। 

-11 जुलाई को तैयार नामावली को अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाएगा। 

-12 जुलाई को तैयार नामावलियों का अंतिम प्रकाशन होगा।

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