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कुछ सवाल..जिनके जवाब हैं अभी बाकी

संवाद सहयोगी, देहरादून: अकेले हरमीत ने ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया या उसके साथ कोई और भी

By Edited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 11:09 PM (IST)
कुछ सवाल..जिनके जवाब हैं अभी बाकी

संवाद सहयोगी, देहरादून: अकेले हरमीत ने ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया या उसके साथ कोई और भी था। वारदात की वजह सिर्फ मोबाइल थी या कुछ और। सौतेली बहन के बेटे को कत्ल करने से छोड़ दिया या भूल गया। इन सबके अलावा दर्जनों ऐसे सवाल हैं, जिनमें पुलिस हत्यारोपी को गिरफ्तार करने के बाद भी उलझी हुई है। इसी तरह के कुछ सवालों के जवाबों को खोजने के लिए पुलिस की एक टीम सहारनपुर में रह रही मृतक व्यापारी की पत्नी के पास भी भेजी गई है।

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होर्डिग व्यापारी के परिवार की निर्मम हत्या के बाद की परिस्थितियों को देखकर बहुत सी ऐसी बातें हैं जो गले नहीं उतर रही। ये पुलिस के लिए भी गले की फांस बनी हुई हैं। मकान के भीतर की परिस्थितियों को देखकर यह कहना कि एक ही युवक ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया है, जनता के साथ ही पुलिस के लिए भी मुश्किल है। जिस तरह आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बरगलाना शुरू किया उससे भी इसकी पुष्टि होना बेहद मुश्किल हो रहा है। हरमीत ने पूछताछ में कुछ नकाबपोशों के होने की बात भी पुलिस को बताई थी। पुलिस इस बात को लेकर भी आश्वस्त नहीं है कि चार लोगों की हत्या सिर्फ एक मोबाइल न मिलने के कारण हुई। इन सवालों में से कुछ का जवाब खोजने के लिए पुलिस सहारनपुर भी गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस वहां कानूनी अलगाव के बाद रह रही व्यापारी की दूसरी पत्नी अनीता से जानकारी लेने गई है। पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि सहारनपुर में उनकी पत्नी को इस हत्याकांड के बारे में पता तक नहीं है।

12 साल पहले भी चौहरे हत्याकांड से दहला था दून

12 साल पहले वर्ष 2004 में भी राजधानी चौहरे हत्याकांड से दहल चुकी है। बताते चलें कि 19 नवंबर 2004 को गेहूं आढ़ती मुकेश सिंघल, उनकी पत्नी नीलम, बेटे सिद्धार्थ और यश की उनके पल्लेदारों ने गेहूं के बोरों में दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या का पता गोदाम से बदबू आने के बाद 22 नवंबर को चला था। जांच के बाद पुलिस ने पल्लेदार फूलचंद, बिंदन, रमेश, राममनोहर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी को उम्र कैद की सजा हो चुकी है।

इसके अलावा मसूरी में भी एक तिहरा हत्याकांड हुआ था, जिसने राजधानी और आसपास के क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी थी। वर्ष 2004 में अपनी भतीजी को मौत के घाट उतारने आए मुजफ्फरनगर के कुछ लोगों ने उसके पति व ससुर को भी कत्ल कर दिया था। हालांकि, बाद में एक आरोपी को न्यायालय ने बरी कर दिया।


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