Move to Jagran APP

इस जुर्म को लेकर जेल में बंद कैदियों को नहीं दी जाएगी सजा में रियायत, जानिए

उत्तराखंड में राष्ट्रीय पर्वों गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर अब पोक्सो में दंडित बंदियों को परिहार यानी सजा में रियायत नहीं दी जाएगी।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:46 PM (IST)
इस जुर्म को लेकर जेल में बंद कैदियों को नहीं दी जाएगी सजा में रियायत, जानिए
इस जुर्म को लेकर जेल में बंद कैदियों को नहीं दी जाएगी सजा में रियायत, जानिए

देहरादून, विकास गुसाईं। प्रदेश में राष्ट्रीय पर्वों, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर अब लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) में दंडित बंदियों को परिहार (सजा में रियायत) नहीं दिया जाएगा। शासन ने महानिरीक्षक कारागार समेत सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में सूचना जारी कर दी है। 

prime article banner

प्रदेश में हर वर्ष राष्ट्रीय पर्वों पर राज्य के विभिन्न न्यायालयों द्वारा दोषी करार दिए गए कैदियों को परिहार दिया जाता है। इसके तहत इन कैदियों को जेल में रहने की अवधि के दौरान अच्छे आचरण पर उनकी सजा में प्रतिवर्ष दस से लेकर 15 दिनों तक की सजा माफ की जाती है। परिहार की इस अवधि को पूरी सजा में से घटाया जाता है। इस कारण जेल में सजा के दौरान अच्छा आचरण करने वाले कुछ कैदी तीन से छह माह पहले ही छूट जाते हैं। शासन की ओर से जारी शासनादेश में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि किस अपराध में सजा पाए कैदी को परिहार दिया जाएगा अथवा नहीं। 

हत्या, बलात्कार, राजद्रोह आदि गंभीर मामलों में दोषी करार दिए गए बंदियों को परिहार नहीं दिया जाता। इसमें पोक्सो एक्ट में बंदी कैदियों के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं थे। इसे देखते हुए शासन ने इस बार यह स्पष्ट कर दिया है कि पोक्सो में बंद कैदी को परिहार नहीं दिया जाएगा। शासनादेश में भी इसका प्रावधान कर दिया गया है। सचिव कारागार नितेश कुमार झा द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

20 से अधिक की हो सकती है रिहाई, 70 से अधिक को परिहार 

शासन द्वारा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कैदियों को रिहा करने और उन्हें परिहार देने का प्रावधान है। इस दौरान अमूमन सजा तकरीबन पूरी कर चुके बुजुर्ग, बीमार व अच्छे आचरण वालों को रिहा किया जाता और और परिहार दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो इस बार जेल प्रशासन की ओर से 20 से अधिक कैदियों की रिहाई और 70 से अधिक बंदियों को परिहार देने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अब शासन स्तर पर गठित समिति इस पर मंथन कर अंतिम निर्णय लेगी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर शासन द्वारा इसकी घोषणा की जाएगी।

यह भी पढ़ें: तो क्या छात्रवृत्ति के साथ पेंशन बांटने में भी हुआ है फर्जीवाड़ा, ये है पूरा मामला

यह भी पढ़ें: यहां फर्जी प्रमाणपत्र से गरीबों की छात्रवृत्ति पर डाला जा रहा है डाका, जानिए

यह भी पढ़ें: एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए फर्जी तरीके से ली छात्रवृत्ति, जानिए पूरा मामला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.