किट के बगैर खिलाड़ियों से लगा रहे मेडल जीतने की उम्मीद
स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) की ओर से आयोजित हो रही राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं में सूबे की टीमों को पूरी किट उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
देहरादून, [मानव भंडारी]: स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) की ओर से आयोजित हो रही राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली सूबे की टीमों को पूरी किट उपलब्ध नहीं करवाई गई है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर भाग ले चुकी और लेने जा रही टीमों को बिना ट्रैकसूट मार्चपास्ट में शामिल होकर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
सात नवंबर से एसजीएफआइ की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शुरू हो चुकी हैं। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का कैलेंडर पहले ही राज्यों को भेज दिया जाता है। अभी तक उत्तराखंड की टीमें स्कूल नेशनल हॉकी, बास्केटबॉल, जूडो आदि प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने जा चुकी हैं।
छत्तीसगढ़ में अंडर-14 बास्केटबॉल और हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो चुका है। लेकिन, बालक और बालिका वर्ग की टीमों को वापस लौटने पर अब तक उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व करने के लिए ट्रैकसूट नहीं दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो प्रतियोगिता शुरू होने के बाद ऐन वक्त पर खिलाड़ियों को खेलने की किट (नेकर-टीशर्ट) मिल पाई। वहीं, गुजरात में हुई अंडर-14, अंडर-17 व अंडर-19 बालक-बालिका जूडो प्रतियोगिता में भी खिलाड़ियों को रंग-बिरंगी किट में मैदान पर उतरना पड़ा।
मानकों के अनुसार नेशनल जाने वाली टीमों को खेलने की किट व ट्रैकसूट प्रतियोगिता से पहले उपलब्ध कराया जाता है। ताकि प्रतियोगिता के शुभारंभ पर मार्चपास्ट में सभी एक जैसे दिखें। वहीं बुधवार को नई दिल्ली में शुरू हुई अंडर-17 बालक-बालिका बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए टीमों को आधे सामान के साथ रवाना कर दिया गया।
किट में न नाम, न नंबर सही
बास्केटबॉल खेलने गई टीम को जो किट दी गई है, उसमें न तो राज्य का नाम छपा है और न ही जर्सी नंबर सही छपे हैं। खेलने की किट पर खिलाड़ियों ने खुद ही अपना जर्सी नंबर हाथ से लिखा है। मजेदार बात यह है कि बास्केटबॉल में खिलाड़ियों की किट पर चार से नंबरिंग शुरू होती है, लेकिन उत्तराखंड की जर्सी पर आनन-फानन में एक नंबर से ही नंबरिंग छपवा दी गई।
उधर, शिक्षा विभाग के राज्य खेल समन्वयक सीके नौटियाल के मुताबिक किट के टेंडर में विभागीय स्तर पर देरी के कारण खिलाड़ियों को तय समय पर सामान नहीं मिल सका। उस पर डीलर ने सामान की डिलीवरी भी समय पर नहीं की। आगे नेशनल जाने वाली टीमों का पूरा सामान हमारे पास उपलब्ध है।
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