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प्रिंस चार्ल्‍स की यादों से जुड़े बैलों का नहीं चला पता

देहरादून स्थित नवधान्य फार्म से तीन रोज पहले चोरी हुए दो जोड़ी बैल चोरी हो गए थे। उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस का कहना है उन्‍हें जल्‍द ही खोज लिया जाएगा।

By sunil negiEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 10:53 AM (IST)
प्रिंस चार्ल्‍स की यादों से जुड़े बैलों का नहीं चला पता

देहरादून, [जेएनएन]: दून में प्रिंस चार्ल्स की यादों से जुड़े बैलों की चोरी ने पुलिस के कान खड़े कर दिये हैं। हालांकि, अभी तक की पड़ताल में पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा। सीसी कैमरों ने भी पुलिस को निराश किया। एसपी सिटी अजय सिंह के मुताबिक चोरों का पता लगाने के लिए खास रणनीति बनाई जा रही है।

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नवधान्य फार्म से तीन रोज पहले चोरी हुए दो जोड़ी बैल चोरी हो गए थे। इनमें एक जोड़ी बैलों की पहचान सामान्य से हटकर थी। वजह यह कि इनसे सीधे-सीधे इंगलैंड के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स का नाता जुड़ा था। दरअसल, प्रिंस चार्ल्स सात नवंबर 2013 को शाही मेहमान के तौर पर देहरादून आए थे। तब वह पटेलनगर स्थित रामगढ़ शीशमबाड़ा स्थित नवधान्य फार्म भी गए थे।

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यहां उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा से रू-ब-रू हो वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खेतों में हल चलाने की इच्छा जाहिर की। बताया गया कि तब प्रिंस चार्ल्स ने इसी जोड़ी से खेत में हल चलाया था। तभी से लालू और भूरा नाम के इन बैलों को प्रिंस चार्ल्स की यादों से जुड़ा माना जाने लगा। नवधान्य फार्म के कार्यकारी निदेशक डॉ विनोद भट्ट ने बताते हैं कि चोरी हुए लालू और भूरा की फार्म में विशेष देखभाल की जाती थी।
इधर, पुलिस को जब इन बैलों की अहमियत का पता चला तो वह खोजबीन में जुट गई। एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि फार्म हाउस में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन उन्हें खंगालने पर कुछ नहीं मिला। बैल चुराने वालों ने कैमरे वाले रास्तों का प्रयोग नहीं किया। आसपास के इलाकों में बैलों को तलाशा जा रहा है। फार्म में आने वाले लोगों की सूची भी तैयार की जा रही है। फिलहाल, पुलिस खाली हाथ है।
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मिल सकती है बैलों की अच्छी कीमत
प्रिंस चार्ल्स का नाम जुड़ा होने के कारण बैलों की अहमियत भी काफी बढ़ गई है। आशंका जताई जा रही है कि तस्करी के लिए बैल चोरी किए जा सकते हैं। पुलिस मामले की कई पहलुओं से जांच कर रही है।

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