हाइटेक हुआ शिक्षा विभाग, 70 हजार कार्मिक हुए ऑनलाइन
उत्तराखंड के सबसे बड़े महकमे शिक्षा महकमे में शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों समेत कुल करीब 70 हजार कार्मिकों का फोटोयुक्त प्रोफाइल अब ऑनलाइन हो गया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षा महकमे में अब शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े पर अंकुश लग जाएगा। वहीं विद्यालयों में तैनाती से लेकर हर दिन हाजिरी को लेकर शिक्षक और विद्यालयों के मुआयने को लेकर अधिकारी हकीकत बयां करने से कतरा नहीं सकेंगे। जन प्रतिनिधियों या आम नागरिकों को भी शिक्षकों के साथ ही विद्यालय के दुर्गम या सुगम कोटीकरण के बारे में जानकारी हासिल करने को महकमे के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
दरअसल, राज्य के सबसे बड़े महकमे शिक्षा महकमे में शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों समेत कुल करीब 70 हजार कार्मिकों का फोटोयुक्त प्रोफाइल अब ऑनलाइन हो गया है। मंगलवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एजुकेशन पोर्टल का उद्घाटन किया। निकट भविष्य में इस पोर्टल को उज्ज्वल एप से जोड़कर विद्यालयों में शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
रियल टाइम अटेंडेंस जल्द
अब सिर्फ एक क्लिक पर ही शिक्षा महकमे के हर कार्मिक का पूरा प्रोफाइल, व्यक्तिगत व शैक्षिक विवरण, सेवारत प्रशिक्षण और काम करने की अवधि की तमाम जानकारी हाजिर होगी। ये सब शिक्षा महकमे के एजुकेशन पोर्टल के बूते मुमकिन हुआ है। एनआइसी उत्तराखंड के तकनीकी सहयोग से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने यह एजुकेशन पोर्टल तैयार किया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि पोर्टल पर शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ ही महकमे में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों का प्रोफाइल अपलोड किया गया है। कौन शिक्षक किस ब्लॉक, जिले या क्षेत्र में तैनात है, उनका पूरा डाटा मोबाइल नंबर सहित इस पोर्टल में दर्ज है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति जल्द लागू होगी। विभाग ने 'उज्जवल एप' सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इससे शिक्षकों की विद्यालयों में उपस्थिति का आसानी से पता चल जाएगा।
मंत्री ने थपथपाई पीठ
इस मौके पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एजुकेशन पोर्टल विकसित करने में योगदान देने वाले कार्मिकों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि पोर्टल और नए मोबाइल एप से शिक्षा में गुणवत्ता आएगी। साथ में सरकारी विद्यालयों के प्रति अभिभावकों में विश्वास बढ़ेगा। मोबाइल एप के माध्यम से शिक्षक के सेल्फी लेते ही वह इस सॉफ्टवेयर से अपलोड हो जाएगी। इसके साथ ही शिक्षक की उपस्थिति भी दर्ज हो जाएगी। विद्यालय से कन्नी काटने वाले शिक्षकों के बारे में पता चल जाएगा। बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों से निष्ठा व ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में पढ़ाई के साथ ही ललित कलाओं के प्रति अभिरुचि बढ़ाई जानी चाहिए। इससे उनके व्यक्तित्व का बहुआयामी विकास होगा।
इससे पहले शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना अपर निदेशक डॉ मुकुल सती, एनआइसी के तकनीकी निदेशक हिमांशु गुप्ता व वैज्ञानिक पुष्पांजलि ने पोर्टल से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रदेश पोर्टल प्रभारी मुकेश बहुगुणा ने पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संचालन उप शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज ने किया।
एजुकेशन पोर्टल की वर्तमान योजनाएं
-कार्मिकों का ई-प्रोफाइल
-सभी सरकारी विद्यालयों का मानकों के आधार पर कोटीकरण
-कार्मिकों की उनकी आइडी के माध्यम से पहचान
-नियमावली के तहत शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन
-बोर्ड के दसवीं व बारहवीं के छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन पंजीकरण
-विद्यालयों का ऑनलाइन अनुश्रवण
-ऑनलाइन छात्र ई-प्रोफाइल
-लर्निंग बाय शेयरिंग के तहत आइसीटी पुरस्कृत शिक्षकों का ब्योरा
भविष्य की ये हैं योजनाएं
-गोपनीय आख्याओं को ऑनलाइन भरा जाना
-फीडबैक मॉड्यूल
-ऑनलाइन लीव मैनेजमेंट सिस्टम
-ऑनलाइन लॉ मैनेजमेंट
-ऑनलाइन विद्यालय प्रबंधन
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