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180 से ज्यादा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर गाज तय

उत्तराखंड में अब 180 से ज्यादा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति खत्म की जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 11:37 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 07:22 PM (IST)
180 से ज्यादा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर गाज तय
180 से ज्यादा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर गाज तय

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों से बचते हुए अन्य महकमों और पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में तैनात 180 से ज्यादा शिक्षकों की मौज-मस्ती के दिन अब लदने वाले हैं। सरकार उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने जा रही है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा सचिव और महानिदेशक को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

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उत्तराखंड में दुर्गम और दूरदराज के विद्यालयों में तैनाती से किनारा कर अन्य महकमों और उत्तरप्रदेश में काफी संख्या में शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। सियासी रसूखदारों के चहेते इन शिक्षकों पर हाथ डालने से यूं तो शिक्षा महकमा बचता ही रहा है। लेकिन इस बार शिक्षा मंत्री अरविंड पांडेय के तेवर कुछ अलहदा ही हैं। राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने और दूरदराज में भी शिक्षकों की तैनाती पर खासा जोर दे रहे शिक्षा मंत्री ने प्रतिनियुक्ति पर तैनाती की व्यवस्था खत्म करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री के सख्त रुख के चलते शिक्षा महकमे ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। 

शिक्षा महकमे में तकरीबन तीन दर्जन शिक्षक उत्तरप्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान और अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं। वहीं राज्य में ही विभिन्न महकमों में 150 से अधिक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। अब इन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति खत्म होगी। इसमें सियासी रसूख के पेच को बेअसर किया जाएगा। लिहाजा शिक्षा मंत्री इस मसले को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। मंत्रालय की ओर से इन शिक्षकों का पूरा ब्योरा तलब किया जा चुका है। शिक्षकों को अब अपने मूल काम से मुंह चुराना आसान नहीं होगा। 

गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा मंत्रालय की ओर से तीन प्रारंभिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। यही नहीं, मूल तैनाती में वापसी नहीं करने वाले शिक्षकों की महकमे से संबद्धता (लियन) समाप्त करने के निर्देश भी शासन की ओर से जारी किए गए थे। मंत्रालय के आदेश के चलते अब तक कई शिक्षकों की महकमे में वापसी हो चुकी है। 

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