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मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने अपने सरकारी वाहन से हटवाई लाल बत्ती

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा वीआइपी संस्कृति समाप्त करने को लाल बत्ती हटाने के फैसले पर कदमताल करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत समेत सभी मंत्रियां ने अपने सरकारी वाहन से लाल बत्‍ती हटवाई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 01:17 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 05:07 AM (IST)
मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने अपने सरकारी वाहन से हटवाई लाल बत्ती
मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने अपने सरकारी वाहन से हटवाई लाल बत्ती

 देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केन्द्र सरकार लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक के बाद उत्तराखंड में भी सभी मंत्रियों ने लालबत्ती हटाई। संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त मंत्री प्रकाश पन्त, सिंचाई, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, शहरी विकास, आवास मंत्री मदन कौशिक, परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण मंत्री यशपाल आर्य, विद्यालयी शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय, कृषि, कृषि विपणन एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल, महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य, सहकारिता, उच्च शिक्षा एवं प्रोटोकाल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने अपने वाहनों से तत्काल लाल बत्ती उतार दी। 

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इनमे से प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत और मदन कौशिक ने बुधवार को ही सरकारी वाहन से लाल बत्ती हटा ली थी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी आज सुबह हटवा दी थी अपनी सरकारी कार से लाल बत्ती।

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने सभी नेताओं, जजों व सरकारी अफसरों की गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने का निर्णय लिया। यह फैसला एक मई से लागू होगा। इस फैसले के लागू होते ही पूरे देश में लालबत्ती का चलन समाप्त हो जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के तुरंत बाद उत्तराखंड के कई मंत्रियों ने इस पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। तीन मंत्रियों ने तो बुधवार को ही लाल बत्ती उतार दी, आज मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  अपनी कार से लाल बत्‍ती हटवाई। केंद्र के इस फैसले का स्वागत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि केंद्र के इस फैसले को अमल में लाने के लिए अगली कैबिनेट में इस प्रस्ताव को शामिल किया जाएगा।

दरअसल, प्रदेश में 13 अप्रैल 2016 को लाल, नीली व पीली बत्तियों को लेकर शासनादेश जारी किया गया था। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि किस-किस पद के धारक कैसे रंग की बत्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। आपातकालीन सेवा जैसे एंबुलेंस, अग्निशमन यान, पायलेट के रूप में प्रयुक्त पुलिस वाहन व कानून-व्यवस्था में संचालित वाहनों में नीली, सफेद व नारंगी रंग की बहुरंगी बत्तियों का उपयोग किया जाता है। 

इन्हें मिली है फ्लैशर युक्त लाल बत्ती

राज्यपाल, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के मंत्री।

बिना फ्लैशर की लाल बत्ती

विधानसभा के उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव, अध्यक्ष लोक सेवा आयोग, महाधिवक्ता उत्तराखंड, अध्यक्ष अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग व आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग

नीली बत्ती फ्लैशर युक्त 

अध्यक्ष राजस्व परिषद, अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आयुक्त, आयुक्त वन एवं ग्राम्य विकास, समस्त प्रमुख सचिव व सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्त, परिवहन आयुक्त, आबकारी आयुक्त, व्यापार कर आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, परिक्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक, अपर सचिव, विभागाध्यक्ष, जनपद न्यायाधीश व उनके समकक्ष अधिकारी, उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक व मुख्य विकास अधिकारी 

फ्लैशर युक्त पीली बत्ती

अपर पुलिस अधीक्षक, सेनानायक पीएसी, आईआरबी, संभागीय परिवहन अधिकारी, एडीएम, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एआरटीओ प्रर्वतन, जिला आबकारी अधिकारी व विभाग के प्रवर्तन अधिकारी, क्षेत्राधिकारी पुलिस, प्रभारी निरीक्षक व तहसीलदार।

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