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गंगा का जलस्तर बढ़ने से नहीं शुरू हो पा रहा खनन

गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। इससे विभाग खनन क्षेत्र कहां-कहां चिह्नित करने हैं। इसका पता नहीं लगा पा रहा, जिससे गंगा में खनन शुरू नहीं हो पाया है।

By raksha.panthariEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 01:02 PM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 10:48 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नहीं शुरू हो पा रहा खनन
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नहीं शुरू हो पा रहा खनन

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश की विभिन्न नदियों में खनन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन गंगा में खनन कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पा रहा है। दरअसल, गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। इससे विभाग यह अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि खनन क्षेत्र कहां-कहां चिह्नित करने हैं। नदी से सटे निजी पट्टों में भी तभी खनन शुरू हो सकता है जब वन विकास निगम खनन करेगा। इस कारण यह मामला अभी अटका हुआ है। 

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प्रदेश में खनन एक अक्टूबर से शुरू हो गया है। प्रदेश में खनन विशेष रूप से देहरादून, नैनीताल, चंपावत, पौड़ी, हरिद्वार व टिहरी जिलों में होता है। इनमें सरकारी एजेंसी के रूप में उत्तराखंड वन विकास निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम खनन का काम करते हैं। वहीं, निजी भूमि पर खनन के लिए निजी एजेंसियां ही काम करती हैं। इसके लिए बाकायदा टेंडर के जरिए पट्टों का वितरण किया जाता है। 

इस वर्ष देहरादून, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर के कुछ स्थानों पर खनन शुरू हो चुका है व कुछ पर प्रक्रिया अटकी हुई है। अब जिन क्षेत्रों में खनन नहीं हुआ है वहां अब सरकार की ओर से हाल ही में संशोधित ई-नीलामी के जरिए खनन किया जाएगा। इस बार जिस जिले में अभी तक खनन शुरू नहीं हो पाया, वह हरिद्वार है। हरिद्वार में वन विकास विकास निगम के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम और निजी एजेंसियां खनन कार्य करती हैं। निजी एजेंसियों का अधिकांश कार्य गंगा से लगे क्षेत्र और उसकी सहायक नदियों में होता है। वहां भी एक अक्टूबर से खनन शुरू होने की उम्मीद जताई गई थी लेकिन खनन शुरू नहीं हो पाया। इसका मुख्य कारण गंगा में जलस्तर का बढ़़ना बताया जा रहा है। नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण अभी तक खनन क्षेत्रों का चिह्नीकरण नहीं हो पाया है। खनन क्षेत्रों को चिह्नित करने के बाद सेंट्रल सॉयल विभाग से भी इसकी अनुमति लेनी जरूरी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही खनन का कार्य शुरू हो पाएगा। 

इस संबंध में उत्तराखंड वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक एसटीएस लेप्चा का कहना है कि गंगा का जलस्तर अभी काफी है। इस कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि खनन कहां-कहां करना है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो पाएगी। 

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