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प्रवासियों से बोले सीएम त्रिवेंद्र रावत, उत्तराखंड में करें निवेश

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अमेरिका और अन्य देशों में बसे उत्तराखंड से जुड़े प्रवासी भारतीयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 04:28 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 04:28 PM (IST)
प्रवासियों से बोले सीएम त्रिवेंद्र रावत, उत्तराखंड में करें निवेश
प्रवासियों से बोले सीएम त्रिवेंद्र रावत, उत्तराखंड में करें निवेश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अमेरिका और अन्य देशों में बसे उत्तराखंड से जुड़े प्रवासी भारतीयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न योजनाओं में निवेश से प्रवासी बंधु आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक तौर पर भी इस पवित्र देवभूमि से जुड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता और असीम संभावनाओं का प्रदेश है। यहां निवेश की काफी संभावनाएं हैं। राज्य की जलवायु फूड प्रोसेसिंग, आइटी इंडस्ट्रीज, बायो टेक्नोलॉजी के लिए काफी अनुकूल है। योग, आयुर्वेद, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के विकास की अपार संभावनाएं हैं। राज्य के पास संसाधन और अवसर भी पर्याप्त हैं। इसलिए इन्वेस्टर समिट का नाम डेस्टीनेशन उत्तराखंड दिया गया। 

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ढांचागत सुविधाएं बढ़ीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड देश के प्रमुख शहरों से सड़क, रेल और हवाई सेवा नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। राज्य के बिजनेस हब हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे जिले देश के प्रमुख व्यापारिक बाजारों से मजबूत रेल नेटवर्क से जुड़े हैं। देहरादून एयरपोर्ट देश के व्यस्ततम एयरपोर्ट में शामिल होने जा रहा है। उड़ान योजना के बाद एयर कनेक्टिविटी को राज्य के कोने-कोने तक मुहैया कराया जा रहा है। ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन चार धामों तक सड़क और रेल कनेक्टिविटी को और मजबूती देंगे। 

सर्विस सेक्टर में बेहतर संभावनाएं 

सीएम ने बताया कि उत्तराखंड में सर्विस सेक्टर में अनंत संभावनाएं हैं। कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार हैं। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान करीब 39 फीसद है। डिजिटल भारत की विकास यात्रा में डिजिटल उत्तराखंड आने वाले समय में बड़ी भूमिका निभाएगा। राज्य में निवेश के लिए दोस्ताना माहौल है। सरकार निवेशकों को तमाम सहूलियतें दे रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य की स्थिति अच्छी है। निवेशकों की राह आसान बनाने को सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू है। उत्तराखंड में उद्योगों को सबसे सस्ती बिजली मिल रही है। अध्यात्म, वेलनेस, पर्यटन द वभूमि कुदरत के अनमोल खजाने से भरपूर है। कण-कण में भक्ति, योग, धर्म, संस्कृति, अध्यात्म, पर्यटन झलकता है। टूरिज्म सेक्टर के विस्तार को टूरिज्म को उद्योग का दर्जा दिया है। 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिज्म डेस्टीनेशन बना रहे हैं। उत्तराखंड अध्यात्म व वेलनेस का केंद्र है। गंगा किनारे, शांत वादियों व हिमालय में योग तो दुर्लभ जड़ी-बूटियों और औषधीय गुणों के आयुर्वेदिक उत्पाद मौजूद हैं। 

यह स्थान सदियों से अध्यात्म का केंद्र रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद से लेकर एपल के सीईओ रहे स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग जैसे उद्योगपति शांति की खोज में उत्तराखंड आ चुके हैं। राज्य को आर्गेनिक स्टेट के रूप में विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेरणा दी है। प्रवासी मंत्रालय गठन का सुझाव मुख्यमंत्री ने बताया कि संवाद के दौरान प्रवासियों ने राज्य में प्रवासी मंत्रालय के गठन और उसे यूएस स्टेट से जोड़ने, भारतीय चिकित्सा पद्धति को विदेशी चिकित्सा पद्धति से जोड़ने और उत्तराखंड में एनआरआइ ओल्ड एज होम बनाने के साथ ही पर्यटन, सौर ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, आइटी क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से बेहतर तालमेल और उन्हें आवश्यक सहयोग देने का भरोसा दिया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के सुझावों पर भी अमल करने की बात कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पलायन पर रोक व स्वरोजगार है प्राथमिकता

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकना, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी को देखते हुए राज्य में पिरुल नीति और सोलर नीति बनाई गई हैं। इन नीतियों का बेहतर क्रियान्वयन राज्य हित में है। 

सोमवार को सचिवालय में पिरुल और सोलर नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जन हित से जुड़ी इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि पिरूल नीति महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का प्रमुख कारक बन सकती है। इससे वनाग्नि को रोकने में मदद मिलने के साथ ही ऊर्जा और बायोगैस आदि तैयार कर युवाओं के लिए स्वरोजगार की भी राह प्रशस्त होगी। 

उन्होंने कहा कि पिरुल संग्रहण और एकत्रीकरण व्यवस्था के तहत दी जाने वाली सब्सिडी के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस क्षेत्र में अधिक से अधिक उद्यमी आगे आएं, इसके प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरुल की अधिकता पर्वतीय क्षेत्रों में ही है। इसलिए पिरुल नीति पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी को भी मजबूती प्रदान कर सकती है। उन्होंने इस क्षेत्र में आ रही व्यवहारिक कठनाईयों के निराकरण के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सोलर नीति की समीक्षा करते हुए राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में इसे महत्वपूर्ण बताया। 

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