उत्तराखंड में कई मुन्ना भाई ने शिक्षा विभाग में पाई नौकरी, कैसे फंसे पढ़ें...
छात्र तो छात्र यहां तो शिक्षक भी मुन्नाभाई हैं। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई मुन्नाभाई ने नौकरी पाई। जांच के दौरान राज्य में अब तक कुल 13 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इनमें से आठ की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि
देहरादून। छात्र तो छात्र यहां तो शिक्षक भी मुन्ना भाई हैं। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई मुन्ना भाई ने नौकरी पाई। जांच के दौरान राज्य में अब तक कुल 13 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इनमें से आठ की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि एक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
राज्य में हाल ही में तैनात शिक्षकों को लेकर आई शिकायतों के संदर्भ में शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए गए थे। इस कड़ी में हरिद्वार में एक, देहरादून में दो, उधमसिंह नगर में चार, चंपावत में एक और नैनीताल में पांच शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए।
इनमें से हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून के इन शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है, जबकि चंपावत में फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर तैनाती पाने वाले प्रदीप कुमार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर बर्खास्त किया जा चुका है। उधमसिंह नगर के चार शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक को दिए गए थे, लेकिन उन्होंने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
इस मामले में लापरवाही पर विद्यालयी महानिदेशक डी सेंथिल पांडियन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षा निदेशक प्रारंभिक सीमा जौनसारी को जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 दिन में जांच आख्या उन्हें मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रकरण बड़े पैमाने पर सामने आने से किसी बड़े रैकेट के इसमें शामिल होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
पढ़ें:-अधिवक्ता पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर नैनीताल के वकील हड़ताल पर