केदारनाथ में राज्य सरकार नाकाम: कोश्यारी
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैनीताल सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि केदारनाथ क्षेत
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैनीताल सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में सिर्फ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआइएम) ही बेहतरीन काम कर रहा है, जबकि राज्य सरकार व उसके सभी महकमे इस मुहिम में नाकाम हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को अपने हाथ खड़े कर केंद्र सरकार से केदारनाथ पुनर्निर्माण की मुहिम अपने हाथों में लेने का आग्रह करना चाहिए। केदारनाथ में हुई कैबिनेट बैठक पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि अपनी सरकार को खतरे में देखकर अब कांग्रेस अपना धर्मनिरपेक्ष चेहरा छिपाकर देवी-देवताओं की शरण में जा पहुंची है।
दो दिन पूर्व ही केदारनाथ का दौरा कर लौटे नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी बुधवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कितने ही दावे कर ले, मगर हकीकत यह है कि केदारनाथ में सिर्फ एक केंद्रीय एजेंसी एनआइएम ही बेहतर ढंग से काम कर रही है। राज्य के सभी महकमे नींद में हैं। ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि वो केदारनाथ पुनर्निर्माण में नाकाम हो चुकी है। लिहाजा, केंद्र सरकार यह मुहिम अपने हाथ में ले ले। केदारघाटी में अब तक घाट, तटबंध, चैकडैम तक नहीं बन पाए हैं।
तीर्थपुरोहित सुरक्षित बचे मकानों को नहीं ढहाए जाने की मांग कर रहे हैं, मगर एक वर्ष से यह मसला भी नहीं सुलझ पाया। आपदा पीड़ितों का पुनर्वास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में जमीन की कमी है। लिहाजा, सरकार को मैदानी क्षेत्र में लैंडबैंक तैयार करना चाहिए। ताकि, आपदा पीड़ितों के साथ पंचेश्वर, किसाऊ व जमरानी जैसी बांध परियोजनाओं के प्रभावितों के विस्थापन की राह आसान हो सके। केदारनाथ में हुई कैबिनेट के सवाल पर भी उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर चुटकी ली।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता के बाद अब हरियाणा व महाराष्ट्र भी कांग्रेस के हाथ से निकल गए हैं। राज्य सरकार पर भी अब खतरा मंडराते देख कांग्रेस अपना धर्म निरपेक्ष चेहरा छिपाकर देवी देवताओं की शरण में जा रही है, मगर अब भगवान भी शायद ही ऐसी लचर सरकार की मदद करे। पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी, नारायण सिंह राणा, खजान दास, मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल आदि मौजूद थे।