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इंदिरा हृदयेश ने राज्य की आबकारी नीति पर उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने आबकारी नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खुलने का समय कम करने से तस्करी बढ़ेगी।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 03:40 PM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 04:03 AM (IST)
इंदिरा हृदयेश ने राज्य की आबकारी नीति पर उठाए सवाल
इंदिरा हृदयेश ने राज्य की आबकारी नीति पर उठाए सवाल

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने आबकारी नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खुलने का समय कम करने से तस्करी बढ़ेगी। नीति पर सरकार को दोबारा से विचार करना चाहिए। 

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पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्व में खंडूड़ी सरकार में भी शराब की दुकानों का समय बदला गया था। इसका नतीजा कुछ नहीं निकला। उन्होंने कहा कि शराब के राजस्व की जिम्मेदारी कलेक्टरों पर डालकर सरकार कुद की जिम्मेदारी से मुक्त हो गई। 

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में शराब का विरोध हो रहा है। महिलाओें पर हमले हो रहे हैं। साथ ही शराब पर दो फीसद सेस बढ़ाया गया है। वहीं जिलों पर दबाव बढ़ गया है। ये नीति सही नहीं है। इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। नीति पर दोबारा काम करने की जरूरत है। साथ ही इसे बनाने में प्रतिपक्ष को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों का पुराना समय ही बहाल होना चाहिए। साथ ही मोहल्लों और बस्तियों में दुकाने न खोली जाएं।  उन्होंने कहा कि हमें तो लगा था डबल इंजिन की सरकार है। राजस्व केंद्र से ले आएंगे।

उन्होंने कहा कि नमामि गंगे पर करोड़ो रुपये मिले। इसका उद्देश्य गंगा की सफाई का है। तमाम देशों में नदियों और समुद्र की सफाई की जा रही। वहीं, हाई कोर्ट ने हाल में ही गंगा को मानव माना, लेकिन इसके विरुद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। 

उन्होंने कहा कि हेली सेवा के लिए सरकार ने नए टेंडर निकले। इसके बावजूद हर रोज कोई न कोई हादसे की स्थिति बन रही है। सरकार ने इनका पूर्ण परीक्षण क्यों नही कराया। वहीं, राशन को लेकर स्थिति खराब है। एपीएल और बीपीएल को चीनी और मिट्टी तेल नही मिल रहा। वहीं, एपीएल के लिए गेहू और चावल की दर दोगुनी कर दी है। उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त स्कूलों के कार्मिको को चार माह से वेतन नही मिला। इससे साफ है कि सरकार की वित्तीय हालात खराब है। वहीं, सातवें वेतनमान का लाभ भी सरकार सबको नही दे पाई।

उन्होंने कहा कि एनएच 74 घोटाले में जांच हुई। इस मामले में कुछ छोटे अधिकारी निलबित किए गए, जबकि बड़ी मछलियां अभी तक बाहर है। आरोप लगाया कि जीरो टोलरेंस की बात करने वाले इस मामले पर पर्दा डाल रहे हैं। 

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