सुनिए वित्त मंत्री जी, गृह ऋण होना चाहिए सस्ता
वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को संसद में अगले वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे। इस पर रियल एस्टेट कारोबारियों का कहना है कि गृह ऋण सस्ता होना चाहिए।
देहरादून, [जेएनएन]: वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को संसद में अगले वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे। बजट में क्या होना चाहिए। इस पर रियल एस्टेट कारोबारियों का कहना है कि गृह ऋण सस्ता होना चाहिए। इससे लोगों को मकान खरीदने में आसानी होगी।
जीएसटी को तुरंत लागू किया जाए
जीटीएम ग्रुप के सीएमडी तुषार का कहना है कि गृह ऋण पर ब्याज की दरों को कम किया जाना चाहिए। रेरा से रियल एस्टेट कारोबार में पारदर्शिता आएगी। जीएसटी से काफी उम्मीदें हैं, इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
जमीनों के सर्किल रेट की दरों को किया जाए कम
गोल्डन एरा ग्रुप के सीएमडी शाश्वत गर्ग का कहना है कि होम लोन पर ब्याज दरें में कटौती किए जाने की आवश्यकता है। जमीनों के सर्किल रेट की दरों को कम किया जाना जरूरी। सर्विस टैक्स में कमी करने से निर्माण लागत में कमी आएगी।
मार्केट रेट के हिसाब से ही तय हों सर्किल रेट
अग्रवाल डेवलपर्स के एमडी आशीष अग्रवाल का कहना है कि जीएसटी अच्छा है इसे लागू करने में देरी न की जाए। गृह ऋण सस्ता होने से भी लोगों को मकान खरीदने में आसानी होगी। मार्केट रेट के हिसाब से ही सर्किल रेट तय हों।
यह भी पढ़ें: सुनिए वित्त मंत्री जी, मैदानी क्षेत्र में भी उद्योग लगाने को छूट मिले
करों में छूट मिले
हिमशिखा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. के निदेशक अभिषेक सिंघल का कहना है कि नोटबंदी के बाद लोगों के मन में डर बैठा हुआ है। रियल एस्टेट कारोबार को मंदी से निकालने को करों में छूट मिले। बैंक रियायती दरों पर होम लोन उपलब्ध कराएं।
कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बने
कैपिटल हाइट्स के निदेशक मो. इकराम का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को सात-आठ फीसद की दर से ऋण मिले। गृह ऋण पर लगने वाले ब्याज की दरों को कम किया जाए। कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बने।
यह भी पढ़ें: यहां सर्वे हुआ, सरकारें बदलीं; फिर भी नहीं बनी सड़क
राज्य रेरा को लागू करें
आरना एसोसिएट के निदेशक विनोद रावत का कहना है कि जीएसटी को लागू किया जाए, इससे विविध टैक्स से राहत मिलेगी। राज्य रेरा को लागू करें, इससे लोगों को वास्तविक योजना का लाभ मिलेगा। होम लोन सस्ता होने से लोगों को घर खरीदने में आसानी होगी।
यह भी पढ़ें: उत्तरकाशी में दो गांवों को जोड़ने वाले पुल का कार्य चार साल से अटका