पुरानी जगह पर ही बसाई जाए केदारपुरी
जागरण संवाददाता, देहरादून: केदारनाथ मंदिर का तीर्थ पुरोहित समाज पुराने स्थान पर ही केदारपुरी का पुनर्निर्माण चाहता है। इसी मांग को लेकर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में केदारनाथ क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों, व्यवसायियों समेत 60 से अधिक लोगों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को सीएम से मिलने राजधानी दून पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर केदारघाटी के 55 हजार से अधिक लोगों की रोजी-रोटी पर गहराये संकट का जल्द समाधान ढूंढने की गुहार भी लगाई। वहीं, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) केदारनाथ मंदिर के आसपास भारी-भरकम निर्माण को दोबारा खड़ा न करने की सलाह दे चुका है।
गुरुवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पत्रकारों से रूबरू विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि आपदा से केदारघाटी में 1500 से अधिक तीर्थ पुरोहितों समेत होटल व्यवसायियों, अन्य व्यापारियों, वाहन स्वामी, श्रमिक वर्ग को मिलाकर 55 हजार से अधिक लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। इनके लिए स्वरोजगार के नए विकल्प ईजाद करने के साथ ही केदारनाथ क्षेत्र का जल्द पुनर्निर्माण जरूरी है। जब तक यात्रा अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौटेगी, तब तक क्षेत्र की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाना संभव नहीं है। विधायक श्रीमती रावत ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने सर्वाधिक आपदाग्रस्त होने के नाते केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज देने व पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने की मांग की। तीर्थ पुरोहित समाज श्री केदारनाथ के महामंत्री केशव तिवारी ने केदारपुरी के पुनर्निर्माण के लिए पुरानी जगह को ही सबसे सुरक्षित बताया। उन्होंने कहा कि आपदा में जो नुकसान उस क्षेत्र को हुआ, वह हिमस्खलन से झील टूटने से हुआ। उन्होंने कहा कि केदारघाटी में अब झील जैसा कोई खतरा नहीं है, जबकि अन्य क्षेत्र आपदा के लिहाज से उतने सुरक्षित नहीं हैं। प्रतिनिधिमंडल ने पुनर्निर्माण के लिए वर्तमान क्षेत्र को चयनित न करने की सलाह संबंधी किसी भी रिपोर्ट से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने क्षेत्रवासियों से इस संबंध में कोई राय साझा नहीं की है। समाज के अध्यक्ष शंकर प्रसाद बग्वाड़ी ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र के पुनर्निर्माण को लेकर किसी भी निर्णय से पहले क्षेत्रवासियों को विश्वास में अवश्य लिया जाए। पत्रकार वार्ता में तीर्थ पुरोहित समाज के उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला, उप मंत्री राजकुमार, तेज प्रकाश, डीएन बाजपेयी, आनंद सेमवाल आदि उपस्थित थे।
पुरोहित समाज ने ये भी उठाई मांग
-रामबाड़ा व गौरीकुंड का भी पुनर्निर्माण किया जाए।
-क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि के निर्माण तेजी से हों।
-केदारघाटी के होटल व्यवसायियों का ब्याज माफ करने पर शीघ्र कार्रवाई हो।
-ऊखीमठ ब्लॉक के अंतर्गत चुन्नी-मंगोली में भी लोगों के आवास क्षतिग्रस्त हुए, प्रभावितों को पांच लाख की मुआवाजा राशि मिले।
-आपदा में मृतकों के आश्रितों को शीघ्र सरकारी नौकरी।
-छह करोड़ रुपये के रिवाइज्ड इस्टीमेट के बाद 32 करोड़ रुपये की हुई 50 से अधिक गांवों की पेयजल योजना में हुई धांधली की जांच हो।
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केदारनाथ मंदिर के आसपास भारी निर्माण सुरक्षित नहीं है। वहां पर प्री-फेब्रिकेटेड भवन बनाए जा सकते हैं। इसका जिक्र हमने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में भी किया है।
टीएस पांगती, उपमहानिदेशक (जीएसआइ)