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14 साल पहले हुए फर्जीवाड़े में दो अधिकारियों को पांच साल की सजा

14 साल पहले हुए आरडी फर्जीवाड़े में सीबीआइ कोर्ट ने डाक विभाग के दो अधिकारियों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 01:20 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 08:17 PM (IST)
14 साल पहले हुए फर्जीवाड़े में दो अधिकारियों को पांच साल की सजा
14 साल पहले हुए फर्जीवाड़े में दो अधिकारियों को पांच साल की सजा

देहरादून, [जेएनएन]: 14 साल पहले हुए आरडी फर्जीवाड़े में सीबीआइ कोर्ट ने डाक विभाग के दो अधिकारियों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाई। दोनों अधिकारियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका गया है।

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वर्ष 2003 में हल्द्वानी के हेड पोस्ट ऑफिस में आरडी फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया था। इसमें 101 लोगों की आरडी में जमा 22 लाख 46 हजार 533 रुपये में हेरफेर किया गया था। मई 2003 में सीबीआइ को इस मामले में शिकायत प्राप्त हुई। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद छह जून 2003 को असिस्टेंट पोस्टल एमसी सुयाल व नंदन सिंह बिष्ट और डिप्टी पोस्ट मास्टर केएन पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में सीबीआइ ने 14 दिसंबर 2004 को चार्जशीट दाखिल की थी। 

शनिवार को स्पेशल जज सीबीआइ शादाब बानो की कोर्ट में मुकदमे की अंतिम सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सीबीआइ वकील अभिषेक अरोड़ा ने 37 गवाह पेश किए। कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन डिप्टी पोस्ट मास्टर केएन पांडेय निवासी गौरा पड़ाव अर्जुनपुर हल्द्वानी और पोस्टल असिस्टेंट नंदन सिंह बिष्ट निवासी गांव भादियोनी काठगोदाम नैनीताल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

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