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उत्तराखंड में पहली बार हिम तेंदुओं की गिनती

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वास करने वाले बेहद शर्मीले स्वभाव वाले दुर्लभ हिम तेंदुओं की उत्तराखंड में संख्या कितनी है, इसका पता अब चल सकेगा। वन विभाग 16 जून से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं के साथ ही घुरल, भरल समेत दूसरे वन्यजीवों की गणना कराने जा रहा है।

By bhanuEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 12:11 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 12:14 PM (IST)
उत्तराखंड में पहली बार हिम तेंदुओं की गिनती

जागरण संवाददाता, देहरादून। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वास करने वाले बेहद शर्मीले स्वभाव वाले दुर्लभ हिम तेंदुओं की उत्तराखंड में संख्या कितनी है, इसका पता अब चल सकेगा। वन विभाग 16 जून से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं के साथ ही घुरल, भरल समेत दूसरे वन्यजीवों की गणना कराने जा रहा है। इसके लिए 16 टीमें जुटेंगी, जो पिथोरागढ़, जोशीमठ और उत्तरकाशी से प्रस्थान करेंगी।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी है और समय-समय पर इसके पुष्ट प्रमाण भी मिले हैं, लेकिन इनकी संख्या वास्तव में है कितनी यह अभी भी रहस्य बना है। लंबे इंतजार के बाद वन महकमे ने इससे पर्दा उठाने की ठानी है।
मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव डॉ.धनंजय मोहन के मुताबिक उच्च हिमालयी क्षेत्र में वन्यजीव गणना के लिए यह मुफीद समय है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से की जा रही इस गणना के लिए तैनात कार्मिकों को एक बार का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि फील्ड प्रशिक्षण 15 जून को पिथोरागढ़, उत्तरकाशी व जोशीमठ में दिया जाएगा।
इन्हीं स्थानों से 16 टीमें गणना को रवाना कर दी जाएंगी। प्रत्येक टीम के साथ भारतीय वन्यजीव संस्थान के लोग भी रहेंगे। गणना कार्य इस माह के आखिर तक चलेगा।
इन क्षेत्रों में होगी गिनती
डॉ.धनंजय मोहन ने बताया कि गंगोत्री नेशनल पार्क, नंदादेवी बायोस्फीयर, फूलों की घाटी नेशनल पार्क, गोविंद नेशनल पार्क व अस्कोट अभयारण्य के साथ ही पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी व बदरीनाथ वन प्रभागों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में गणना कार्य होगा। देखने वाली बात होगी कि टीमें कहां तक पहुंच पाती हैं। उन्होंने बताया गणना प्वाइंट काउंट व स्कैच आधारित होंगी।
हाथी गणना चार व पांच को
सूबे में 2008 के बाद हाथी गणना चार व पांच जून को होगी। मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने बताया कि राज्य में यमुना से लेकर शारदा तक हाथियों का वासस्थल है। इस पूरे क्षेत्र में प्रत्यक्ष गणना विधि से विभागीय टीमें हाथियों की गणना करेंगी। 2008 की गणना के अनुसार सूबे में हाथियों की संख्या 1346 है।
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