भूकंप को लेकर गढ़वाल मंडल में की गई मॉक ड्रिल
राज्य में भूकंप के बाद आपदा राहत की तैयारियों को परखने के लिए मंगवार से दो दिवसीय मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। आज गढ़वाल मंडल के जिलों में मॉक ड्रिल किया गया।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आता है। हाल ही में आए भूकंप के झटकों में भले ही कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आने वाले वक्त में बड़े भूकंप की आशंका ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन मशीनरी की नींद उड़ाई हुई है। इसी को देखते हुए राज्य में भूकंप के बाद आपदा राहत की तैयारियों को परखने के लिए मंगवार से दो दिवसीय मॉक ड्रिल आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से 21 फरवरी को गढ़वाल मंडल में और 22 फरवरी को कुमाऊं मंडल में मॉक अभ्यास के जरिये विभिन्न विभागों की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। सोमवार को मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में मॉक अभ्यास को लेकर बैठक आयोजित की गई।
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बैठक में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल वीके दत्ता और मेजर जनरल वीके नायक ने मॉक अभ्यास के बारे में तमाम विभागों के अधिकारियों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके चार प्रमुख घटक हैं। इनमें अभिमुखीकरण कार्यशाला, समन्वय कार्यशाला, टेबल टॉप अभ्यास और धरातल मॉक अभ्यास शामिल है। इस दौरान उन्होंने राज्य और जनपद स्तर के आपदा प्रबंधन तंत्र और योजना पर भी प्रकाश डाला। मंगलवार को गढ़वाल मंडल के जिलों में भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल किया गया।