चेक बाउंस के मामले में सजा
जागरण संवाददाता, देहरादून: चेक बाउंस के करीब छह साल पुराने मामले में अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार देकर एक माह कैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि शिकायत करने वाले को बतौर मुआवजा मिलेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक ठाकुरपुर रोड प्रेमनगर निवासी मनोज कुमार ने पथरिया पीर नेशविला रोड निवासी लक्ष्मण सिंह को एक नवंबर-2008 को 40 हजार रुपये उधार दिए थे। रकम वापस मांगने पर लक्ष्मण ने मनोज को इतनी ही रकम का सिंडिकेट बैंक का चेक दिया। मनोज ने चेक बैंक में लगाया तो पता चला कि खाते में रकम है ही नहीं। चेक बाउंस हो गया। इस पर मनोज ने अपने वकील के जरिये लक्ष्मण को नोटिस भेजा, लेकिन उसने नोटिस नहीं लिया। इस पर मनोज ने आरोपी पर मुकदमा दर्ज करा दिया। अदालत में आरोपी ने कहा कि वह रकम लौटा चुका है व मनोज उसे झूठा फंसा रहा है, लेकिन आरोपी इस संबंध में कोई सबूत नहीं पेश कर सका। अदालत ने लक्ष्मण को दोषी करार देकर एक माह कैद व 60 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
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लूट की योजना बनाने में दो बरी
लूट की योजना बनाने और हथियारो के संग गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार देकर बरी कर दिया। इस मामले में तीन आरोपी थे, लेकिन तीसरे की मौत हो चुकी है। बताया गया कि 14 मार्च 2005 को थाना पटेलनगर पुलिस ने माजरा में तीन आरोपी मनोज उर्फ विक्की, राकेश और प्रताप को लूट की योजना बनाने के आरोप में दबोचा था। उनसे हथियार मिलने का दावा किया गया था, लेकिन पुलिस मामले में कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। इस पर अदालत ने बुधवार को मनोज व प्रताप को बरी कर दिया।
एनडीपीएस एक्ट में दो को सजा
स्मैक रखने के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों को अदालत ने जेल में बिताई अवधि व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पटेलनगर थाना पुलिस ने बीती पांच जनवरी को भंडारीबाग से बंटी उर्फ विक्की व राजकुमार को स्मैक समेत दबोचा था। राजकुमार से 16 ग्राम व बंटी से 12 ग्राम स्मैक मिली थी। बुधवार को अदालत ने दोनों को सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें दो-दो माह की अतिरिक्त कैद झेलनी होगी।