तीन हजार करोड़ की मदद पर 'तलवार'
सुभाष भट्ट, देहरादून
उत्तराखंड में दो साल से लटके क्लीनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट को लागू करने के लिए केंद्र ने राज्य सरकार को अक्टबूर माह तक की आखिरी मोहलत दी है। यदि इसके बाद उत्तराखंड में यह एक्ट लागू नहीं किया गया, तो राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलने वाली करीब तीन हजार करोड़ की सालाना वित्तीय मदद पर 'ब्रेक' लग सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को इस बाबत सख्त हिदायत दी जा चुकी है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार निजी डाक्टरों व प्राईवेट अस्पतालों के दबाव की वजह से आम जनता के लिए महत्वपूर्ण इस एक्ट को लागू नहीं कर पा रही।
केंद्र सरकार द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व ही क्लीनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट पारित किया गया था। चूंकि स्वास्थ्य कान्करेंट सूची का विषय है, लिहाजा स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता व बेहतरी के उद्देश्य से पारित हुए इस एक्ट को लागू करना राज्य सरकारों के लिए भी बाध्यकारी है। यह दीगर बात है कि उत्तराखंड सरकार पिछले दो साल में इस महत्वपूर्ण एक्ट को राज्य में लागू नहीं कर पाई। दरअसल, इस एक्ट में कई ऐसे सख्त प्रावधान हैं, जिनसे निजी अस्पतालों, डाक्टरों व नर्सिग होम की मनमानी पर अंकुश लगेगा, जबकि आम जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और ज्यादा सुलभ व सस्ती हो जाएंगी।
सभी अस्पतालों, क्लीनिक, नर्सिग होम व डाक्टरों को इस एक्ट के तहत पंजीकरण कराना जरूरी हो जाएगा। चिकित्सा उपचार संबंधी हर सेवा का शुल्क भी अस्पतालों की श्रेणीवार निर्धारित हो जाएगा। प्राईवेट अस्पतालों आदि को अपने डाक्टर व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की योग्यता के प्रमाण भी उपलब्ध कराने होंगे। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध जुर्माने व अन्य दंड के भी प्रावधान किए गए हैं। यही वजह है कि प्राइवेट अस्पताल, नर्सिग होम आदि व प्राईवेट डाक्टर्स इस एक्ट का विरोध भी करते आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्राईवेट अस्पतालों आदि के भारी दबाव की वजह से ही राज्य सरकार इस एक्ट को पिछले दो साल से लागू नहीं कर पाई। राज्य सरकार को इस 19 जुलाई तक यह एक्ट लागू करना था, मगर ऐसा न होने पर केंद्र सरकार ने एक पत्र के जरिए राज्य को इस मामले में सख्त फटकार लगाई है। केंद्र ने स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि यदि यह एक्ट लागू न किया गया, तो केंद्रीय मदद बंद कर दी जाएगी। हालांकि, राज्य के अनुरोध पर केंद्र ने अब इस एक्ट को लागू करने के लिए राज्य को अक्टूबर तक की आखिरी मोहलत दे दी है।