सड़क के फंडे ने आसमान पर पहुंचाई जमीन की दरें
जागरण संवाददाता, देहरादून: अगर आप शहर के पॉश इलाकों अथवा मुख्य सड़कों से जुड़े इलाकों में आशियाने का स
जागरण संवाददाता, देहरादून: अगर आप शहर के पॉश इलाकों अथवा मुख्य सड़कों से जुड़े इलाकों में आशियाने का सपना संजो रहे हैं तो सर्किल रेट का छिपा एजेंडा आपकी हसरतें धड़ाम कर सकता है। सर्किल रेट पर सड़क की चौड़ाई के फंडे ने भूखंड और फ्लैट्स के दाम सातवें आसमान पर पहुंचा दिए हैं। साफ है कि इससे एक वर्ग विशेष को ही फायदा होगा, आमजन को नहीं। न सिर्फ शहरी क्षेत्र बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है।
जिले में सर्किल रेट में अपनाए गए फंडों की परतें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। जानकारों के मुताबिक जिस चालाकी से सड़क की चौड़ाई का फंडा अपनाया गया है, उसने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उदाहरण के तौर पर राजपुर रोड के घंटाघर से लेकर आरटीओ कार्यालय तक के हिस्से को ही लें तो वहां बेस सर्किल रेट पहले 49000 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, जो अब 60000 रुपये हो गया है। इस हिसाब से वृद्धि तो 11000 रुपये प्रति वर्ग मीटर ही हुई, लेकिन सड़क की चौड़ाई का फंडा लागू होने से यह बढ़ोत्तरी कई गुना ज्यादा हो गई है।
दरअसल, सर्किल रेट में व्यवस्था है कि मुख्य सड़क की चौड़ाई पांच से नौ मीटर पर 10 फीसद, नौ से 12 मीटर पर 20 फीसद, 12 से 18 मीटर पर 30 फीसद और 18 मीटर से अधिक चौड़ाई पर 40 फीसद बेस रेट से अतिरिक्त देना होगा। इस लिहाज से देखें तो राजपुर रोड की चौड़ाई 18 मीटर से ज्यादा है। यानी वहां सर्किल रेट में 40 फीसद की अतिरिक्त वृद्धि हो गई है। ऐसे में सर्किल रेट 84000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है।
ऐसी ही स्थिति राजपुर रोड के अन्य हिस्सों के साथ ही आइएसबीटी, हरिद्वार रोड, जीएमएस रोड, सहस्त्रधारा रोड आदि इलाकों की भी है। न सिर्फ मुख्य मार्गो बल्कि ग्रामीण इलाकों में सड़क की चौड़ाई के फंडे ने जमीन के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं।