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नदियों के सौंदर्यीकरण में अवैध बस्तियों की चुनौती

जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधिकारियों को बिंदाल और रिस्पना नदियों के तटों क

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 10:04 PM (IST)
नदियों के सौंदर्यीकरण में अवैध बस्तियों की चुनौती

जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधिकारियों को बिंदाल और रिस्पना नदियों के तटों के सौंदर्यीकरण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। अब सवाल यह है कि आखिर शासन इन नदियों के तट का सौंदर्यीकरण कराएगा तो कैसे? दरअसल इन नदियों के तट पर अवैध बस्तियां बसी हुई हैं और इन्हें हटाए बिना सौंदर्यीकरण संभव नहीं है। ऐसे में इन बस्तियों को हटाना शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर हाउस में बिंदाल व रिस्पना नदी तट सौंदर्यीकरण योजना की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था एमडीडीए इसके लिए वृहद योजना बनाकर दे। साथ ही उन्होंने जिला अधिकारी को निर्देश दिए कि नदियों के तटों पर अवैध निर्माण को रोका जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजना बनाने से पहले तमाम पहलुओं का अध्ययन किया जाए ताकि व्यावहारिक स्तर पर योजना को लागू करते समय परेशानियों का सामना न करना पड़ा। इसके बाद अल्ट्रा फेयरवुड कंपनी के प्रतिनिधियों ने पर्सनल रैपिड ट्रांसिट (पीआरटी) पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पीआरटी एक वैकल्पिक यातायात व्यवस्था है। यह व्यवस्था प्रदूषण रहित है और जमीन से ऊपर बनाए गए ट्रैक पर संचालित होती है। प्रेजेंटेशन को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून और हरिद्वार में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यातायात के वैकल्पिक साधनों को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने एमडीडीए उपाध्यक्ष आर मीनाक्षी सुंदरम को निर्देश दिए कि राजधानी में जाम की स्थिति से निपटने के लिए यातायात के विकल्पों पर विचार कर योजना तैयार करें। बैठक में शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, मुख्य सचिव एन रविशंकर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, शहरी विकास सचिव डीएस गब्र्याल आदि मौजूद थे।


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