Move to Jagran APP

भराड़ीसैंण अब उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी

आखिरकार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) सोमवार को आधिकारिक रूप से प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 07:54 PM (IST)
भराड़ीसैंण अब उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी
भराड़ीसैंण अब उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी

राज्य ब्यूरो, देहरादून

loksabha election banner

आखिरकार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) सोमवार को आधिकारिक रूप से प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गई। राज्यपाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिसूचना जारी होने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि भराड़ीसैंण को आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीती चार मार्च को भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान की गई यह घोषणा सवा करोड़ उत्तराखंडवासियोंकी भावनाओं का सम्मान है। भराड़ीसैंण को ई-विधानसभा के रूप में विकसित करने पर कार्य हो रहा है।

भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में राजधानी निर्माण उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान जन भावनाओं का मुद्दा रहा है। बीती चार मार्च को भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अचानक भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर विपक्ष समेत गैर भाजपा दलों को चौंका दिया था। भराड़ीसैंण में दो दिन तक जश्न का माहौल रहा था। भराड़ीसैंण में सत्र स्थगित होने के बाद से ही प्रदेश सरकार कोरोना महामारी से बचाव में जुटी है। तकरीबन तीन महीेने से स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, प्रवासियों की वापसी को छोड़कर सरकार की तमाम गतिविधियां ठप थीं। अब अनलॉक-वन शुरू होने के साथ ही जनजीवन को सामान्य रूप से पटरी पर लाने की कवायद हो रही है, ऐसे में सरकार ने ठीक तीन महीने बाद भराड़ीसैंण में की गई घोषणा को अमलीजामा पहना दिया।

ग्रीष्मकालीन राजधानी की अधिसूचना जारी होने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वर्ष 2017 में भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही गई थी। भराड़ीसैंण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक ढांचागत विकास किया जा रहा है। इसके लिए प्लानर और विशेषज्ञों की राय लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बड़े स्तर पर फाइलें न ले जानी पड़ें, इसके लिए ई-विधानसभा पर कार्य किया जा रहा है। इससे पेपरलैस कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। पेयजल की सुचारु आपूर्ति को रामगंगा पर चैरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है। इसके बनने से भराड़ीसैंण, गैरसैंण और आसपास के क्षेत्र में ग्रेविटी पर जल उपलब्ध हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण की कनेक्टिविटी पर भी काम किया जा रहा है। भराड़ीसैंण, गैरसैंण को जोड़ने वाली सड़कों को आवश्यकता के मुताबिक चौड़ा किया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इसके पूरा होने पर रेल गैरसैंण के काफी निकट पहुंच जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.