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बैंक की लापरवाही ने डुबो दी खाताधारकों की लुटिया

एसबीआर्इ बैंक प्रशासन की लापरवाही खाताधारकों पर भारी पड़ गर्इ। एटीएम के कीपैड में फ्लूड लगाकर साइबर ठगों ने खाते खंगाल लिए। फ्लूड की जानकारी होने के बाद भी बैंक प्रशासन मौन रहा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 08:12 PM (IST)
बैंक की लापरवाही ने डुबो दी खाताधारकों की लुटिया
बैंक की लापरवाही ने डुबो दी खाताधारकों की लुटिया

देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी देहरादून में एक सप्ताह के भीतर 97 दूनवासियों से हुई साइबर ठगी में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसकी परत दर परत खुलती जा रही हैं। अब तक की जांच में इस घटना की सबसे बड़ी वजह जो सामने आई है, वह है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लापरवाही। बैंक ने अगर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से किया होता तो दूनवासियों को लाखों रुपये की चपत नहीं लगती।

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फ्लूड लगाकर किए थे एटीएम के बटन जाम 

दरअसल, साइबर ठगों ने साजिश के तहत धर्मपुर क्षेत्र में एसबीआइ के दो एटीएम में कीपैड पर फ्लूड लगाकर उनके बटन जाम कर दिए थे, जिससे ग्राहक आसपास के उन एटीएम से पैसों की निकासी करें, जहां उन्होंने स्कीमर (स्कीमिंग डिवाइस) लगाए। 

 एसबीआर्इ बैंक प्रशासन का लापरवाह रवैया 

बैंक को एक जुलार्इ को ही इस बात की जानकारी हो गर्इ थी कि एटीएम के कीपैड जाम हैं, लेकिन अधिकारियों ने इसे बहुत हल्के में लिया। उन्होंने ना तो इस संबंध में पुलिस को जानकारी देना उचित समझा, ना ही ग्राहकों को सचेत किया। बैंक की यही लापरवाही दूनवासियों पर भारी पड़ी और जालसाजों ने खाताधारकों को करीब 30 लाख की चपत लगा डाली। पुलिस की प्रारंभिक जांच में जो बात सामने आई है, उसके तहत दून के एटीएम में स्कीमर एक जुलाई से सात जुलाई के बीच लगाए गए। इस दौरान साइबर ठगों ने तमाम एटीएम कार्ड्स का पूरा डाटा एकत्र कर उनके क्लोन तैयार कर लिए। 

 वहीं एसबीआइ के धर्मपुर स्थित दो एटीएम में कीपैड पर फ्लूड लगाकर उसे जाम करने की घटना एक और दो जुलाई की है। जिसकी जानकारी होने पर भी बैंक ने सतर्कता नहीं दिखाई बल्कि बैंक ने चुपचाप फ्लूड निकालकर एटीएम दोबारा चालू कर दिए। 

साइबर ठगों ने लगाया था फ्लूड

पुलिस के मुताबिक एटीएम में फ्लूड लगाने का काम भी साइबर ठगों ने ही किया था, जिसके पीछे उद्देश्य यह था कि लोग उन एटीएम में जाएं, जहां उन्होंने स्कीमर लगाए है। जालसाज अपनी इस योजना में काफी हद तक कामयाब भी हुए। मामले को लेकर एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने कहा कि अगर बैंक ने थोड़ी भी संवेदनशीलता दिखाई होती तो शायद ग्राहक लुटने से बच जाते।     

पटेलनगर पुलिस ने भी जताई थी क्लोनिंग की आशंका   

पटेलनगर थानाध्यक्ष रितेश शाह ने तो एक माह पहले ही 23 बैंक शाखाओं को पत्र लिखकर सचेत किया था कि एटीएम क्लोनिंग के लिए संभवत: एटीएम में कोई डिवाइस लगाई गई है। उन्होंने सभी बैंकों को अपने एटीएम चेक करने के लिए भी कहा था, लेकिन बैंक अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी और नतीजा सबके सामने है।

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