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बांदल में बंटी राहत, रंगड़गांव को इंतजार

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 10:45 PM (IST)
बांदल में बंटी राहत, रंगड़गांव को इंतजार

जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी से लगी बांदलघाटी के आपदा प्रभावित छह गांवों के 140 परिवारों को दो वक्त का राशन नसीब हो गया है, लेकिन नजदीकी टिहरी जिले के रंगड़गांव क्षेत्र को हफ्तेभर बाद भी राहत नसीब नहीं हुई है। रंगड़गांव के 45 परिवारों के पास अब नाममात्र का ही राशन बचा है। यदि जल्द ही वहां खाद्यान्न नहीं पहुंचा तो स्थिति विकट हो जाएगी। उधर, तंत्र का हाल देखिए कि वह राशन भिजवाने के दावे तो कर रहा, लेकिन यह कब तक प्रभावितों को उपलब्ध होगा इसका किसी के पास जवाब नहीं है। वहीं, गुरुवार को यह मामला सीएम दरबार तक पहुंच गया है।

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पहले बात बांदलघाटी की। इस क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क 15 अगस्त को सौंग नदी की बाढ़ में बहने के साथ ही यह कई स्थानों पर टूट चुकी है। इसके चलते इलाके के गांवों का राजधानी से संपर्क कटा हुआ है। सर्वाधिक प्रभावित छह गांव छपरोली, भैंस्वाड़सैंण, फुलेथ, सिमयारी व नाली के 140 परिवारों तक गुरुवार को राहत पहुंच गई। तहसीलदार एमएस कंडारी के मुताबिक प्रभावित परिवारों को सरौना बुलाया गया, जहां उन्हें प्रति परिवार 10 किलो चावल, दो किलो दाल, मसाले, सरसों का तेल आदि मुहैया कराया गया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र को दून से जोड़ने वाली सड़क को दुरुस्त करने का कार्य जारी है और उम्मीद है कि दो-तीन दिन में मार्ग खुल जाएगा।

इस क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को भले ही खाद्यान्न मिलने से राहत मिल गई, लेकिन नजदीकी टिहरी जिले के सीमांत रंगड़गांव क्षेत्र के लोगों को मदद का इंतजार है। असल में रंगड़गांव क्षेत्र की आवाजाही के लिए सौंग नदी के किनारे बनाया गया रंगड़गाव-मालदेवता (देहरादून) रास्ता पूरी तरह बह गया। यही नहीं, रंगड़गांव में सौंग नदी की बाढ़ से छह मकान ध्वस्त होने से सात परिवार बेघर हो गए हैं। रंगड़गांव का संपर्क कट जाने से लोगों के पास अब नाममात्र का राशन ही बचा है।

रंगड़गांव के प्रधान भरत सिंह ने बताया कि ग्रामीणों के पास राशन न होने से विकट स्थिति पैदा हो गई है। इस बारे में गुरुवार को सीएम हरीश रावत को भी अवगत कराया गया है। सीएम ने इस पर शीघ्र कार्रवाई के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। ग्रामप्रधान का कहना है कि यदि कल तक राशन नहीं पहुंचा तो स्थिति विकट हो जाएगी।

'जिलाधिकारी ने पूर्ति विभाग को इस क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के लिए खाद्यान्न भेजने के निर्देश दिए थे। यदि रंगड़गांव में राशन नहीं पहुंचा है तो संबंधित कार्मिकों से जवाब तलब करने के साथ ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।'

-देवानंद शर्मा, एसडीएम धनोल्टी (टिहरी)

काठबंगला क्षेत्र के प्रभावितों की सुध नहीं

देहरादून के कांठबंगला क्षेत्र को प्रशासन ने डेंजर जोन तो घोषित कर दिया, लेकिन वहां रह रहे परिवारों का क्या होगा इस पर प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। हालांकि, कांठबंगला के 35 परिवारों को प्राइमरी स्कूल और धर्मशाला में शरण दी गई है, लेकिन यहां व्यवस्थाओं का टोटा है। बस्ती के ये परिवार जैसे-तैसे दिन काट रहे हैं। ठीक है कि यह बस्ती अवैध है, लेकिन यह बसागत भी नेताओं की शह पर ही हुई है।

24 घंटे खुला रखें मोबाइल

जिले में अतिवृष्टि व दैवीय आपदा की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी विकासखंडों में तैनात ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, सहायक खंड विकास अधिकारियों को तैनाती के स्थान पर ही निवास करने और 24 घंटे मोबाइल खुला रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पांडे के अनुसार इस संबंध में सभी बीडीओ को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों को निर्देशित करें। साथ ही यह भी निर्देशित करने को कहा है कि कहीं भी आपदा अथवा जनधन-सरकारी संपत्ति की क्षति की स्थित में तत्काल सूचना आपदा कंट्रोल रूम व जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को उपलब्ध कराएं।


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