दून की सड़कों को जलभराव से मुक्त करेगा 'अमृत', जानिए क्या है 'अमृत'
अमृत योजना में तीन नए इलाके भी जोड़े गए हैं। इनमें दशमेशपुरी, ब्राह्मणवाला और चमन विहार शामिल हैं। ये पांचों इलाके जलभराव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: शहर में जलभराव वाले बड़े इलाकों में अब अमृत योजना के तहत काम होगा। योजना में 15 करोड़ रुपये ड्रेनेज प्लान पर खर्च होने हैं। इसमें सबसे ज्यादा सवा सात करोड़ रुपये पंडितवाड़ी-धरतावाला के ड्रेनेज में लगेंगे, जबकि अनुराग नर्सरी में करीब 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
योजना में तीन नए इलाके भी जोड़े गए हैं। इनमें दशमेशपुरी, ब्राह्मणवाला और चमन विहार शामिल हैं। ये पांचों इलाके जलभराव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मेयर विनोद चमोली ने बीते पांच दिनों में बरसात के दौरान जलभराव वाले इलाकों की सूची भी मंगवाई है। योजना का बाकी बजट इन क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा।
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अमृत योजना को लेकर मेयर चमोली ने नगर निगम, अमृत योजना और पेयजल निगम के अधिकारियों संग बैठक की। इसमें मुख्य मुद्दा ड्रेनेज ही रहा। जिस तरह पिछले पांच दिनों की बरसात में शहर लबालब हो गया और कई जगह पर जलभराव की समस्या हुई, उसमें उंगलियां नगर निगम की लापरवाही पर ही उठी।
इस मामले में मेयर ने नगर निगम के अभियंता एपी सुंदरियाल को जलभराव वाले इलाकों की सूची तैयार करने के आदेश दिए। अभी तक बनाए गए ड्रेनेज प्लान में सिर्फ पंडितवाड़ी, धरतावाला और अनुराग नर्सरी को शामिल किया गया था, लेकिन बैठक के दौरान मेयर ने तीन नए इलाके भी इसमें जोड़ दिए।
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मेयर ने बताया कि लोगों में यह संशय था कि पंडितवाड़ी का ड्रेनेज अनुराग नर्सरी में आएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। पंडितवाड़ी का ड्रेनेज अलग इलाके में निकलेगा, जबकि अनुराग नर्सरी का अलग इलाके में।
वहीं, पेयजल के लिए मिले बजट से लाइन डिस्ट्रीब्यूशन और नलकूपों का काम होगा, जबकि पार्कों के लिए मिले बजट में डेढ़ करोड़ रुपये गांधी पार्क पर लगेंगे और शेष एक करोड़ अन्य पार्कों पर। पार्कों की तकनीकी रिपोर्ट के लिए पेयजल निगम को शासन से अनुमति लेने को कहा गया है।
बैठक में नगर आयुक्त नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि कामों पर सैद्धांतिक सहमति दी गई है और जल्द इसके टेंडर किए जाएंगे। अमृत योजना को लेकर पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार विकास ने कार्यों की सूची बैठक में रखी।
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सीवरेज प्लान में भी जुड़े इलाके
सीवरेज प्लान के तहत मेयर ने बताया कि दीपनगर, आनंद विहार, वाणी विहार व भगत सिंह कॉलोनी जैन प्लॉट आदि क्षेत्रों में जेएनएनयूआरएम के तहत किए जा रहे काम का लाभ नहीं मिला। ये इलाके बेल्ट से जुड़े ही नहीं, लिहाजा इन्हें भी अमृत में जोड़ने के आदेश दिए गए हैं। इनमें करीब तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा मुस्लिम कॉलोनी के सीवरेज प्लॉन पर एक करोड़ रुपये अलग से खर्च किए जाएंगे।
ये है अमृत योजना
अमृत योजना के तहत इस साल शहर में पेयजल, ड्रेनेज, सीवर ट्रीटमेंट को दुरुस्त करने और पार्कों के सौंदर्यीकरण को लेकर साढ़े 58 करोड़ रुपये का बजट नगर निगम को केंद्र सरकार से मिला है। राज्य सरकार ने शर्त रखी है कि इसमें पेयजल निगम का एक डिविजनल कार्यालय नगर निगम दफ्तर में खोलना पड़ेगा, ताकि कार्यों में समन्वय बना रहे। हालांकि, पेयजल निगम इस मंशा में था कि कार्यालय खोले बगैर तत्काल बजट उसके खाते में ट्रांसफर कर दें, मगर मेयर ने इसके लिए मना कर दिया।
मेयर ने नगर निगम में डिविजनल कार्यालय खोलने के आदेश दिए। साथ ही कहा कि जैसे-जैसे काम होता रहेगा पेयजल निगम के खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। कार्यालय में अमृत योजना के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान पेयजल निगम को निर्माण कार्य शुरू करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी गई।
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किस पर कितना बजट
पेयजल- 28.50 करोड़ रुपये
सीवरेज- 12.50 करोड़ रुपये
ड्रेनेज- 15 करोड़ रुपये
पार्क- 2.50 करोड़ रुपये
इन इलाकों में जलभराव की समस्या
क्लेमेनटाउन, मोरोवाला, टर्नर रोड, सुभाष नगर, बंगाली कोठी, पोस्ट ऑफिस वाली गली, केशव विहार, देहराखास, इंदिरापुरम, आइएसबीटी, चौधरी कॉलोनी, कारगी, हरिद्वार बाईपास, माजरा, निरंजनपुर सब्जी मंडी, पटेलनगर, शिमला बाईपास, राजीव जुयाल मार्ग, गोविंदगढ़ टीचर्स कॉलानी, हरबंसवाला, स्मिथनगर, प्रेमनगर, चकशाहनगर, पंडितवाड़ी, प्रिंस होटल, त्यागी रोड, कांवली रोड, टीएचडीसी कॉलोनी, खुड़बुड़ा, संजय कॉलोनी व डालनवाला आदि।
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