सांगठनिक जिलों की संख्या बढ़ाने को माना औचित्यहीन
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सांगठनिक जिलों
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सांगठनिक जिलों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजस्व जिलों से अधिक सांगठनिक जिलों के गठन का कोई औचित्य नहीं है। राजस्व जिलों में ही बेहतर क्षमता के साथ काम किया जा सकता है। उन्होंने प्रकल्पों को सप्ताह में एक दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने के लिए निश्चित करने के निर्देश दिए।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रकल्पों व विभागों की बैठक के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सभी के कार्यो की बारीकी से समीक्षा की। इस दौरान उन्हें बताया गया कि भाजपा के 23 सांगठनिक जिले हैं जबकि राजस्व जिले कुल 13 हैं। उन्होंने इस पर अचरज जताया। उन्होने कहा कि छोटे प्रदेश में इतने सांगठनिक जिलों की जरूरत नहीं है। जिलों की संख्या बढ़ने से जरूरी नहीं कि अच्छे पदाधिकारी भी इनमें तैनात हों। बैठक में अमित शाह ने प्रकल्प व विभागों के मुखियाओं के भी पेच कसे। उन्होंने साफ किया कि जिस उद्देश्य के लिए प्रकल्प व विभागों का गठन किया गया है, उस उद्देश्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। कुछ मुखियाओं की ओर से काम का श्रेय खुद लेने पर भी उन्हें नसीहत दी। उन्होंने साफ किया कि यह एक टीम वर्क है। कोई भी कार्य अकेला व्यक्ति नहीं करता है, टीम वर्क से काम किया जाता है। इसलिए टीम को साथ लेकर चलें। उन्होंने प्रकल्प व विभागों के गठन में की गई देरी पर भी नाराजगी जताई। कहा कि सभी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से समझें और उसी के अनुसार काम करें। इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया कि प्रकल्प व विभागों में छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। यदि कोई संगठनात्मक बदलाव होता है तो अध्यक्ष भले ही अपने हिसाब से संगठन में बदलाव करे लेकिन विभाग व प्रकल्प नहीं छेड़े जाएंगे। उन्होंने सभी प्रकल्पों के लिए सप्ताह में एक दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने के लिए भी निश्चित किए। बैठक में सभी 10 प्रकल्प व 19 विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।