मुंहबोली भांजी से मामा ने किया दुष्कर्म, अब मिली ऐसी सजा
दो साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले एक युवक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई।
देहरादून, [जेएनएन]: दो साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले एक युवक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। दोषी पर अदालत ने 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि दुष्कर्म की यह वारदात 30 जुलाई 2015 को ऋषिकेश में हुई। हर्ष मैनवाल पुत्र पवन कुमार निवासी भल्ला फार्म श्यामपुर इलाके की एक महिला को अपनी बहन मानता था। वह अक्सर उसके घर आता-जाता रहता था।
महिला की 15 वर्षीय बेटी और उसका छोटा भाई हर्ष को मामा कहकर बुलाते थे। घटना वाले दिन रात करीब साढ़े नौ बजे हर्ष महिला के घर पहुंचा। महिला अपने मायके गई हुई थी और घर में उसकी बेटी व बेटा ही थे। किशोरी को घर में अकेला देख हर्ष की नीयत खराब हो गई। उसके छोटे भाई को उसने कुछ सामान लाने की बात कहकर पड़ोस में भेज दिया और इसके बाद किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।
महिला जब मायके से लौटकर आई तो बेटी ने उसे आप बीती बताई। महिला की सूचना पर ऋषिकेश कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल नौ गवाह पेश किए। इसमें पीड़िता और चिकित्सकीय परीक्षण करने वाले डॉक्टर का बयान अहम रहा।
वहीं, बचाव पक्ष ने पैसे के लेनदेन को लेकर झूठा आरोप लगाने की बात कहीं, लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए आरोपी को दुष्कर्म का दोषी माना और सजा सुनाई। अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
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