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आरयूटीएफ को मिशन के रूप में लागू करें: मेनका

राज्य ब्यूरो, देहरादून : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाधी ने उत्तराखंड के आगनबाड़ी केंद

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)
आरयूटीएफ को मिशन के रूप में लागू करें: मेनका
आरयूटीएफ को मिशन के रूप में लागू करें: मेनका

राज्य ब्यूरो, देहरादून : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाधी ने उत्तराखंड के आगनबाड़ी केंद्रों में तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण एवं रक्त अल्पता की कमी को रोकने के लिये आरयूटीएफ (रेडी टू यूज थेरेप्यूटिक फूड) के पैकेट को परीक्षण के रूप में प्रयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आरयूटीएफ को उत्तराखंड सरकार कुपोषित बच्चों के लिए स्पेशल मिशन के तौर पर शीघ्र लागू करे।

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शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट के दौरान केंद्रीय मंत्री मेनका गाधी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आगनबाड़ी केंद्रों में तीन माह तक हर बच्चे को 30 आरयूटीएफ के पैकेट उपलब्ध कराए जाएं, इससे तीन माह के भीतर बच्चा पूर्ण स्वस्थ हो जाएगा। इस आहार को स्थानीय मोटा अनाज से बनाया जाता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड गोवंश अधिनियम, 2007 में कुछ कानूनी प्रावधान सम्मिलित होने से रह गए हैं। इसके लिए आवश्यक संशोधन किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय में विधि विशेषज्ञों से पूर्ण परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी गौशालाओं में उपलब्ध गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं। इन गमलों में छोटे पौधों को सीधे जमीन में रोपने से पौधा खराब नहीं होता है। अभी वन विभाग द्वारा छोटे पौधों को काले प्लास्टिक की थैलियों सहित रोप दिया जाता है। गोबर से बने गमलों का इस्तेमाल करने में आसान होगा।


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