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केंद्रीय विवि से असंबद्ध होंगे 173 कॉलेज

राज्य ब्यूरो, देहरादून हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध 173 सरकारी और ग

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:02 AM (IST)
केंद्रीय विवि से असंबद्ध  होंगे 173 कॉलेज
केंद्रीय विवि से असंबद्ध होंगे 173 कॉलेज

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध 173 सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों को असंबद्ध किया जाएगा। इन्हें श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने इस फैसले की पुष्टि की। उधर, केंद्रीय विश्वविद्यालय में लंबे अरसे से अस्थाई व्यवस्था पर कार्यरत 55 शिक्षकों को सरकारी डिग्री कॉलेजों में संविदा पर तैनाती देने के आदेश दिए गए हैं।

केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को असंबद्ध किए जाने के मामले को लंबे अरसे बाद आखिरकार सुलझा लिया गया है। वर्ष 2009 में गढ़वाल विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद से ही यह मसला उलझा रहा। इस मसले को सुलझाने के लिए सरकार समेत संबंधित पक्ष ढुलमुल बने रहे हैं। इच्छाशक्ति की कमी के चलते राज्य सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को असंबद्ध करने के बारे में फैसला नहीं ले पाई। हालांकि, केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद पैदा हुई समस्या के समाधान के लिए श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। राज्य का अपना विश्वविद्यालय बनने के बावजूद केंद्रीय विश्वविद्यालय संबद्ध कॉलेजों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से कई बार केंद्र सरकार से पत्राचार किया जा चुका है।

वर्तमान में 57 सरकारी डिग्री कॉलेजों समेत 173 कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के जिस अधिनियम का हवाला देकर कॉलेजों की असंबद्धता के मुद्दे को उलझाया गया है, उसके मौजूद रहते ही पहले पैरामेडिकल कॉलेजों और फिर आयुर्वेदिक व अन्य मेडिकल कॉलेजों को असंबद्ध किया जा चुका है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी 173 कॉलेज जल्द ही श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। इस मसले को सुलझा लिया गया है। सरकार इस संबंध में फैसला ले चुकी है। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिनियम का पेच नहीं है। उधर, केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद दिक्कत झेल रहे 55 अस्थाई प्रवक्ताओं को सरकारी डिग्री कॉलेजों में संविदा पर तैनात करने का निर्णय किया गया है।


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