सीवरेज सिस्टम की मॉनीट¨रग को 'जंग'
जागरण संवाददाता, देहरादून: पेयजल मंत्री की समीक्षा बैठक में तो जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने सीव
जागरण संवाददाता, देहरादून: पेयजल मंत्री की समीक्षा बैठक में तो जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने सीवरेज सिस्टम की मॉनीट¨रग पेयजल निगम को सौंपने पर हामी भर दी, मगर अंदरखाने जल संस्थान यह बात पचा नहीं पा रहा। वहीं, पेयजल निगम ने इस संबंध में जल्द शासनादेश जारी कराने को एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। अब दोनों विभाग सीवरेज सिस्टम अपने पास रखने को आला अफसरों से लेकर नेताओं तक के चक्कर काट रहे हैं।
अब तक पानी के साथ ही प्रदेश के सीवरेज सिस्टम की मरम्मत की जिम्मेदारी भी जल संस्थान के पास थी। वहीं, कुछ दिन पूर्व जल संस्थान और पेयजल निगम की समीक्षा बैठक में पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि सीवरेज सिस्टम की मरम्मत का कार्य पेयजल निगम को सौंपा जाएगा। तभी से दोनों विभाग आमने-सामने आ गए हैं। जल संस्थान यह कार्य अपने पास ही रखना चाहता है तो पेयजल निगम इसे छीनने को पूरी जुगत लगाए है। इसी क्रम में जल संस्थान के प्रबंधन ने हाल ही में पेयजल मंत्री से मुलाकात की। प्रबंधन ने मंत्री से कहा कि उनके पास मरम्मत का विशेषज्ञ स्टाफ है और वह मरम्मत एजेंसी भी हैं, इसलिए यह काम उनके पास ही रखा जाए। इसके बाद जल संस्थान के कर्मचारियों ने भी पेयजल मंत्री से यही गुहार लगाई और काम छिनने की स्थिति में आंदोलन तक की धमकी दी।
उधर, पेयजल निगम ने मंत्री के सामने यह प्रस्ताव रखा कि यदि उन्हें मरम्मत कार्य दिया जाता है तो वह इसे नई तकनीक से करेंगे। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। पेयजल निगम ने भी इस जंग में जीत के लिए अपने कर्मचारी संगठनों को उतार दिया है।
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पेयजल मंत्री ने सीवरेज सिस्टम निगम को सौंपने के लिए कहा है। निगम बेहतर तरीके से इस सिस्टम का संचालन करने में सक्षम है। काम निगम को मिलने से लोगों की शिकायतें कम हो जाएंगी।
-रामकुमार, अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ पेयजल निगम
जल संस्थान मरम्मत एजेंसी है और मरम्मत कार्य से मिलने वाले राजस्व से कर्मचारियों को तनख्वाह मिलती है। यदि जल संस्थान से काम छिनता है तो हम इसका विरोध करेंगे।
-गजेंद्र कपिल, महामंत्री उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संघ