ऊर्जा निगम पर 20 करोड़ रुपये जुर्माना
जागरण संवाददाता, देहरादून: उपभोक्ताओं को सुविधा और समय पर सेवाएं प्रदान न करने के साथ ही रेगूलेशन का
जागरण संवाददाता, देहरादून: उपभोक्ताओं को सुविधा और समय पर सेवाएं प्रदान न करने के साथ ही रेगूलेशन का पालन नहीं करने पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) अब तक ऊर्जा निगम पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। कई मामलों में ऊर्जा निगम ने जुर्माना माफी की याचिका भी दाखिल की, जिसे यूईआरसी खारिज कर चुका है। वहीं, अनमीटर्ड कनेक्शन के मामले में यूईआरसी से ऊर्जा निगम को राहत भी मिली है। यूईआरसी ने अनमीटर्ड कनेक्शन पर वर्ष 2011 के बाद का जुर्माना माफ करते हुए ऊर्जा निगम को व्यवस्थाओं में शीघ्र सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
अनमीटर्ड कनेक्शन
ऊर्जा निगम पर यूईआरसी अनमीटर्ड कनेक्शन के लिए वर्ष 2005 से पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगा रहा था। 2011 तक यह रकम एक करोड़ रुपये पहुंच गई थी। इसके बाद ऊर्जा निगम ने याचिका दायर कर कहा कि अब काफी कम अनमीटर्ड कनेक्शन रह गए हैं, लिहाजा आगे की पेनल्टी माफ कर दी जाए। वर्ष 2012 में यूईआरसी ने आदेश जारी कर वर्ष 2011 के बाद का जुर्माना माफ कर दिया। ऊर्जा निगम जुर्माने की रकम जमा कर चुका है।
बिल संग्रह केंद्र
बिल संग्रह केंद्रों की कमी और केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं के अभाव की वजह से ऊर्जा निगम पर वर्ष 2005 से रोजाना ढाई हजार रुपये का जुर्माना लग रहा है। यह रकम एक करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। सूबे में कुल 160 बिल संग्रह केंद्र हैं, जबकि उपभोक्ता हैं 20 लाख। खैर, अब निगम हर बिल संग्रह केंद्र पर शेड, पेयजल, पंखे-कूलर, टॉयलेट, बैठने आदि का समुचित प्रबंध करेगा। इस पर करीब 11 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसके लिए प्रस्ताव यूईआरसी को भेजा गया है।
वैकल्पिक ऊर्जा दायित्व
वैकल्पिक ऊर्जा दायित्व (आरपीओ) पूरा करने में लापरवाही पर यूईआरसी ने ऊर्जा निगम पर 7.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यूपीसीएल को वर्ष 2015-16 में कुल बिजली खपत का आठ फीसद वैकल्पिक ऊर्जा से लेना था, मगर इसमें 700 मिलियन यूनिट की कमी रह गई। निगम ने आयोग में याचिका दायर कर कहा कि गत वर्ष का शेष इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा। इसपर जून 2016 में सुनवाई के बाद नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम को 31 जुलाई तक 700 एमयू के 7.5 फीसद के रिन्यूवेबल एनर्जी सर्टिफिकेट खरीदने के आदेश दिए। यह सर्टिफिकेट एनर्जी एक्सचेंज से डेढ़ रुपये प्रति यूनिट की दर पर मिलते हैं, लेकिन निगम ने समय-सीमा पूरा होने के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी।
नए कनेक्शन जारी करना
यूईआरसी के रेगूलेशन में कनेक्शन जारी करने के लिए एक निश्चित अवधि निर्धारित है और इसके भीतर कनेक्शन जारी नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है। अब तक ऊर्जा निगम पर 11 करोड़ रुपये का जुर्माना लग चुका है। इसमें से एक करोड़ रुपये ही निगम ने जमा किया है। निगम ने जुर्माना माफी के लिए यूईआरसी के समक्ष याचिका दायर की है। यूईआरसी ने निगम से रिपोर्ट मांगी है कि वर्षवार कितने कनेक्शन के लिए आवेदन आए और कितने कनेक्शन समय पर जारी किए गए। इसके बाद सुनवाई होगी और फिर जुर्माना माफी पर निर्णय होगा।