घरों के नलो से आ रहा गंदा पानी
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उत्तराखंड जल संस्थान कार्यालय से सटे ऋषिलोक और आशुतोष नगर क्षेत्र में लोगो
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उत्तराखंड जल संस्थान कार्यालय से सटे ऋषिलोक और आशुतोष नगर क्षेत्र में लोगों के घरों में नलों से सीवरयुक्त पानी आ रहा है। पिछले दो दिनों से करीब दो सौ परिवार इस समस्या से परेशान हैं। विभाग क्षेत्र में लीकेज ढूंढ रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल टैंकर से पानी दिया जा रहा है।
रेलवे रोड बाईपास मार्ग पर उत्तराखंड जल संस्थान का कार्यालय स्थित है। कार्यालय से आशुतोष नगर, ऋषि लोक कॉलोनी व देहरादून रोड का आबादी क्षेत्र स्थित है। इस क्षेत्र में रहने वाले करीब दो सौ परिवार गंदे पानी की समस्या से परेशान हैं। बीती रविवार की सुबह लोगों के नलों से मटमैला पानी आया तो सभी ने यह समझा कि आसपास लाइन में कोई काम हुआ होगा। शायद इसलिए गंदा पानी आ रहा है। जब सोमवार को भी यही स्थिति रही मगर मटमैले पानी के साथ उठ रही दुर्गंध को देखते हुए लोगों की समझ में आ गया कि पानी की पाइप लाइन से सीवर का गंदा पानी मिलकर लोगों के घर तक पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया तो जलकल अभियंता ने दो टीमें गठित कर पानी की लाइन में फॉल्ट ढूंढने का काम शुरू कराया। लोगों की परेशानी को देखते हुए आशुतोष नगर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पानी के टैंकर से पेयजल उपलब्ध कराया गया। विभाग की टीम ने आशुतोष नगर की गली नंबर नौ और तीन में कुछ स्थानों पर खुदाई कर फॉल्ट ढूंढने की कोशिश की। मगर शाम तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि सीवर लाइन कहां से पानी की लाइन में मिल रही है। जलकल अभियंता एबीएस रावत ने बताया कि अभी कुछ स्थानों पर लाइन को काटकर दूसरी लाइन से जोड़ा गया है। सुबह तक जलापूर्ति शुद्ध हो जाएगी।
------------------
बूढ़ी जर्जर पेयजल लाइन बनी समस्या
आशुतोष नगर क्षेत्र में जहां नलों से गंदा पानी आने की शिकायत मिल रही है। वहां करीब पांच दशक पुरानी पेयजल लाइन है। जब जल संस्थान का गठन नहीं हुआ था तो नगरपालिका के द्वारा ही पेयजल व्यवस्था का संचालन किया जाता था। पांच दशक पूर्व आशुतोष नगर क्षेत्र में बसावट शुरू हुई थी। तब यहां पेयजल लाइन बिछाई गई थी। करीब तीन दशक पूर्व यहां नया नलकूप और जल संस्थान का कार्यालय बनाया गया था। शासन द्वारा नलकूपों की संख्या तो बढ़ाई गई मगर इन जर्जर पुरानी लाइन को नहीं बदला। यही स्थिति सीवर लाइन की भी है। भूमिगत लाइन में पानी और सीवर की पुरानी लाइनें आस-पास बिछी हुई है। जमीन से पांच फीट नीचे सीवर लाइन और पुरानी पेयजल लाइन बिछी है। इन लाइनों में लीकेज के जरिए गंदा पानी लोगों के घर तक पहुंच जाता है। पूरे इलाके में पुरानी पेयजल लाइन की सही स्थिति विभाग को भी नहीं मालूम। यही कारण है कि इस तरह का फाल्ट ढूंढते समय सड़क को कई जगह खोदना पड़ रहा है।