व्यवधानमुक्त होगी चारधाम यात्रा
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : आगामी माह से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा के लिये सीमा सड़क संगठन (बीआ
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
आगामी माह से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा के लिये सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने कमर कस ली है। चारधाम यात्रा को व्यवधानमुक्त बनाने के लिये बीआरओ की शिवालिक परियोजना ने रोडमैप तैयार करते हुए संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर वहां जरूरी उपकरण व कर्मचारियों की तैनाती कर दी है।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का दारोमदार यहां की सड़कों पर होता है। चारधाम यात्रा मार्ग पर अधिकांश सड़कों की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन की इकाई शिवालिक परियोजना के पास है। चारधाम यात्रा मार्ग की बात करें तो गंगोत्री व यमुनोत्री धाम मार्ग पर ऋषिकेश से धरासू (144 किमी) तथा धरासू से गंगोत्री (124 किमी) तक और बदरीनाथ-केदारनाथ धाम के मार्ग पर रुद्रप्रयाग से माणा (168 किमी) तक की सड़कों का जिम्मा बीआरओ की शिवालिक परियोजना के पास है। आपदा के बाद जिस तरह से सड़कों की हालत खस्ता हो गयी थी और यात्रियों ने चारधाम यात्रा से मुंह मोड़ दिया था, उसके बाद पिछले तीन चार वर्षों में बीआरओ ने सड़कों को पहले से भी बेहतर किया है। इसका असर यह रहा कि विगत वर्ष चारधाम यात्रा बेहतरीन ढंग से संचालित हुई। इस वर्ष बीआरओ ने चारधाम यात्रा को निर्बाध संचालित करने के लिये रोडमैप तैयार किया है। बीआरओ की माने तो चारधाम यात्रा से जुड़े दोनों मार्गो पर प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है। इन सभी स्थानों पर आवश्यक उपकरण और कर्मचारियों की तैनाती कर दी गयी है।
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इस वर्ष और तेज होगा एक्शन
सीमा सड़क संगठन की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता उमेश मेहता ने बताया कि वर्ष 2016 की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रा मार्ग पर और भी बेहतर काम देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष यात्राकाल के दौरान करीब 200 छोटी-बड़ी लैंड स्लाइ¨डग की घटनाएं हुई थी। जिनमें से चार बड़ी लैंड स्लाइ¨डग की घटनाएं चमोली, हेल्युगढ़ व नरेंद्रनगर में हुई थी। उस वक्त इन बड़े लैंड स्लाइड के कारण बंद हुई सड़कों को दो से चार दिन के भीतर खोल दिया गया था।
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ऋषिकेश मुख्यालय में बनेगा कंट्रोल रूप
चारधाम यात्रा में सड़कों की निगरानी व अनुरक्षण पर नजर रखने के लिये सीमा सड़क संगठन ने ऋषिकश के आइडीपीएल स्थित शिवालिक मुख्यालय में कंट्रोल रूम तैयार किया है। मुख्य अभियंता शिवालिक उमेश मेहता ने बताया कि दोनों यात्रा मार्गों पर दो टास्क फोर्स भी तैनात रहेगी। प्रतिदिन सुबह व सायं को सड़कों की स्थिति तथा प्रगति की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को मिलेगी। बड़े फाल्ट आने पर तत्काल उसके उपचार व निवारण के लिये टीम चौबीसों घंटे तैनात रहेगी।
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इन क्षेत्रों पर रहेगी विशेष नजर
ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग पर लैंड स्लाइ¨डग के करीब 16 संभावित जोन चिह्नित किये गये हैं। जिनमें नरेंद्रनगर व चंबा के बीच दो, रामगढ़, नकोट, कमांद, कांडीसौड़, चिन्यालीसौड़, गंगोरी, मनेरी, सैंज, लाटा प्रमुख है। भटवाड़ी से गंगोत्री तक तीन स्थान चिह्नित किये गये हैं। वहीं रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ के बीच करीब 30 ऐसे संभावित क्षेत्र सीमा सड़क संगठन ने चिह्नित किए हैं। जिनमें चटवापीपल, कलेश्वर, लंगासू, नंदप्रयाग, मैठाणा, ¨छका, बिरही, कौडिया स्लाइड, टंगनी, पागल नाला, पाताल गंगा, गुलाबकोटी, हेलंग, पैंनी, मारवाड़ी, हाथीपहाड़, बलदोरा, गो¨वदघाट, कछरानाला, लामबगड़, लामबगड़ नाला, बेनाकुली, हनुमानचट्टी स्लाइड, रड़ांग बैंड, दूधधारा व कंचन नाला प्रमुख हैं।
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भैरोंघाटी से गंगोत्री तक चकाचक होगी सड़क
इस वर्ष गंगोत्री धाम की यात्रा पर श्रद्धालुओं को हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच कच्ची सड़क को यात्रा से पूर्व पक्का बनाया जा रहा है। शिवालिक परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच सड़क के चौड़ीकरण का काम पूरा हो चुका है। सड़क पर गिट्टी भी बिछा दी गयी है। चारधाम यात्रा से पूर्व इस पर ब्लैक टॉप भी लगा दिया जाएगा।
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चारधाम यात्रा के लिये सीमा सड़क संगठन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर दी हैं। उम्मीद है कि विगत वर्ष से भी बेहतरी सुविधायें इस बार चारधाम यात्रा में देखने को मिलेंगी। शासन स्तर पर हाल में ही एक बैठक भी हो चुकी है। जिसमें हमने यात्रा मार्ग पर अपने सभी अधिकारियों की लोकेशन व संपर्क स्थानीय प्रशासन को दे दिये हैं। लैंड स्लाइड से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक उपकरण तैनात कर दिये गये हैं। चारधाम यात्रा को निर्बाध जारी रखने के प्रयास किये जाएंगे।
उमेश मेहता, मुख्य अभियंता, शिवालिक परियोजना बीआरओ