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क्रिकेटरों को मिलेगा मौका, रुकेगा पलायन

जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में उत्तराखंड को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा म

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:00 AM (IST)
क्रिकेटरों को मिलेगा मौका, रुकेगा पलायन
क्रिकेटरों को मिलेगा मौका, रुकेगा पलायन

जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में उत्तराखंड को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा मिलने से यहां के क्रिकेटरों के लिए प्रमुख राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने की राह खुल गई है। इससे सूबे के क्रिकेटरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का मौका मिलेगा तो प्लेटफार्म की तलाश में हो रहा खिलाड़ियों का पलायन भी रुकेगा। क्रिकेट विशेषज्ञों की मानें तो अब यहां की एसोसिएशनों को भी खिलाड़ियों के भविष्य के लिए बोर्ड से मान्यता को एकसाथ आगे आना चाहिए।

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16 साल से मान्यता का इंतजार कर रहे सूबे के कई बेहतरीन क्रिकेट उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके हैं। उनके मन में सिर्फ यही टीस है कि अगर उत्तराखंड को बीसीसीआइ से मान्यता मिली होती तो वह भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान बना पाते। हालांकि, उनकी राह में बोर्ड से ज्यादा प्रदेश की क्रिकेट के खेवनहार ही रोड़ा बने रहे। वहीं, कई खिलाड़ियों को भविष्य की राह बनाने को पलायन तक के लिए मजबूर होना पड़ा। उत्तराखंड के युवा क्रिकेटर ई. अभिमन्यु, कुणाल चंदेला, प्रियांशु खंडूड़ी, आर्यन शर्मा, आर्यन जुयाल आदि पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश से अंडर-14 से लेकर रणजी तक में जौहर दिखा रहे हैं। अगर सूबे को मान्यता मिली होती तो यह खिलाड़ी अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते। दुर्भाग्य देखिए कि आपसी गुटबाजी और खुद को मजबूत दावेदार बताने वाली एसोसिएशनें मान्यता के लिए झगड़ती रहीं। नतीजा, मान्यता के मौके हाथ से फिसलते रहे। बोर्ड की एफिलिएशन कमेटी के सामने भी सभी अपने-अपने दावे करते रहे। फिलहाल बीसीसीआइ ने उत्तराखंड को पूर्ण सदस्य का दर्जा देकर क्रिकेटरों के भविष्य की राह खोल दी है। अब बस इंतजार है तो बोर्ड से मान्यता मिलने का।

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पूर्ण सदस्य का दर्जा मिलने से उत्तराखंड को वोटिंग राइट तो मिलेगा ही, साथ में उत्तराखंड की अपनी टीम बोर्ड के सब जूनियर से लेकर रणजी ट्रॉफी तक में सीधे प्रतिभाग कर सकेगी। लेकिन, यह तभी होगा जब मान्यता मिल जाए। अब गेंद एसोसिएशनों के पाले में है कि वे खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में सोचती हैं या फिर अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहती हैं।

-मनोज रावत, वरिष्ठ क्रिकेटर व बीसीसीआइ लेवल बी कोच

यह निर्णय युवा खिलाड़ियों के भविष्य की राह खोलेगा। यह भी अच्छी बात है कि उत्तराखंड को एसोसिएट सदस्य न बनाकर पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा मिला है। इस निर्णय से यह भी उम्मीद है कि कुछ ही समय में मान्यता का मसला भी सुलझ जाएगा। एसोसिएशनों को हठधर्मिता छोड़कर खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।

-अमित पांडे, सीनियर क्रिकेटर

सीधे मिलेगा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेलने का मौका

अभी तक उत्तराखंड के खिलाड़ी उत्तर प्रदेश या अन्य प्रदेश से खेलने को मजबूर थे। पूर्ण सदस्य का दर्जा मिलने और जल्द मान्यता मिलने से यहां के खिलाड़ियों को पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। वह सीधे ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकेंगे।

मान्यता मिलने पर इन प्रतियोगिताओं में उतर सकेगी सूबे की टीम

-अंडर-16 विजय मर्चेट ट्रॉफी

-अंडर-19 वीनू माकंड ट्रॉफी

-कूच बिहार ट्रॉफी

-रणजी ट्रॉफी

-विजय हजारे ट्रॉफी

-सैय्यद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट

-प्रो. डीबी देवधर ट्रॉफी

-महिला अंडर-19 प्रतियोगिता

-सीनियर महिला राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता


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