औषधि विभाग ने एरिस्टो की सप्लाई रुकवाई
जागरण संवाददाता, देहरादून: जनपद में न सिर्फ केमिस्टों बल्कि दवा के थोक कारोबारियों ने भी नियम ताक पर
जागरण संवाददाता, देहरादून: जनपद में न सिर्फ केमिस्टों बल्कि दवा के थोक कारोबारियों ने भी नियम ताक पर रख दिए हैं। लाइसेंस किसी के नाम और धंधा कोई और ही चला रहा है। उसपर न रेकॉर्ड दुरुस्त हैं और न दवाओं का रखरखाव ही ठीक ढंग से किया जा रहा है। इन्हीं अनियमितताओं के चलते औषधि विभाग ने एरिस्टो दवा कंपनी की सप्लाई रुकवा दी है। वहीं, सिप्ला कंपनी को भी छिटपुट खामियां दुरुस्त करने की हिदायत दी है।
औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी के निर्देशानुसार जनपद में लगातार छापेमारी की जा रही है। दवा की दुकानों पर छापेमारी के बाद अब थोक कारोबारी औषधि विभाग की जद में हैं। विभागीय टीम ने मंगलवार को पटेलनगर क्षेत्र में दवा कंपनी सिप्ला व एरिस्टो के गोदाम पर छापा मारा। सिप्ला के क्रय-विक्रय रेकॉर्ड दुरुस्त पाए गए। यहां टीम को कुछ छिटपुट खामियां मिली हैं, जिन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद टीम एरिस्टो फार्मा पहुंची। हद ये कि छह माह पूर्व अधिकृत हस्ताक्षरी बदल गया और संचालकों ने विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इसके अलावा वहां दवाइयों का रखरखाव भी बहुत खराब था। दवाइयां बेतरतीब ढंग से जमीन पर रखी मिलीं। इन्हें रखने के लिए शेल्फ आदि की भी व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा रेकॉर्ड में भी अनियमितताएं पाई गई हैं। इस स्थिति में तत्काल प्रभाव से दवा की सप्लाई बंद करवा दी गई। संचालक को तत्काल लाइसेंस में संविधान परिवर्तन व तमाम खामियां दूर करने की हिदायत दी गई है। इन डिपो के बाद अब स्कूल-कॉलेज के आसपास की परचून की दुकानें व खाद्य सामग्री के विक्रेता विभाग के निशाने पर हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग को साथ लेकर इनके खिलाफ भी अभियान छेड़ा जाएगा। जिससे नशे के रूप में उपयोग की जा रही दवाइयों के अनुचित व्यापार पर लगाम कसी जा सके। टीम में देहरादून की औषधि निरीक्षक अनीता भारती, हरिद्वार के औषधि निरीक्षक नीरज कुमार आदि उपस्थित रहे।