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वर्षा जल संरक्षण के लिए जल संस्थान करेगा यह पहल, जानिए

जल संस्थान बूंद-बूंद पानी को बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाएगा। इसके तहत विभागीय अधिकारी गांव-गांव और नई कॉलोनियों में जाकर लोगों को वर्षा जल संग्रहण के लिए प्रेरित करेंगे।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 08:30 PM (IST)
वर्षा जल संरक्षण के लिए जल संस्थान करेगा यह पहल, जानिए
वर्षा जल संरक्षण के लिए जल संस्थान करेगा यह पहल, जानिए

हल्द्वानी, [अंकुर शर्मा]: जल है तो कल है, इस पंक्ति में निहित अर्थ देर से ही सही, जल संस्थान के अधिकारियों की समझ में आ ही गया। अब वे पानी की बूंद-बूंद बचाने को जागरुकता की अलख जगाएंगे। इसके तहत वे गांव-गांव और नई कॉलोनियों में जाकर लोगों को वर्षा जल संग्रहण के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि, जरूरत पड़ने पर इस जल को उपयोग में लाया जा सके।

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बीते पांच सालों के दौरान हल्द्वानी में आबादी तेजी से बढ़ी है। कभी शहरवासी गौला नदी का पानी पिया करते थे। मांग बढ़ी तो कई नलकूप लगाए गए, लेकिन इससे भू-जल स्तर में गिरावट आने लगी। इससे जल संस्थान के अधिकारियों के माथों पर बल पड़ने लगे।

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गहन मंथन करने पर निष्कर्ष निकला कि पानी का सदुपयोग व संरक्षण नहीं होने से हालात विकट होते जा रहे हैं। जल संरक्षण की कोई ठोस नीति नहीं होने के कारण भी बूंद-बूंद नहीं बचाई जा सकी। जनता भी जल संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि जनता में पानी बचाने की ललक पैदा हो जाए तो तस्वीर बदल सकती है।

इसके बाद अफसरों ने जनता में ललक जगाने को जल संरक्षण के प्रति अलख जगाने की ठानी। इसके तहत विभागीय अधिकारी गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक, जागरूकता शिविर, पर्चा-पोस्टर आदि के जरिए पानी बचाने का संदेश देंगे। लोगों को पानी के दुरुपयोग से भविष्य में पैदा होने वाले भयावह हालात से भी रू-ब-रू कराएंगे, ताकि वे खुद आगे बढ़कर पानी बचाने को पहल करें।

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पहले चरण में ग्रामीण इलाकों व नई बसी कॉलोनियों को लिया गया है। यहां लोगों को बारिश का पानी स्टोर करने, दांत साफ करते समय टोंटी बंद रखने, गंदे पानी को शौचालय में इस्तेमाल करने जैसी छोटी-छोटी बातें समझाई जाएंगी। इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा जा रहा है। हरी झंडी मिलते ही अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

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रेन वाटर हार्वेस्टिंग के फायदे

रेन वाटर हार्वेस्टिंग में बारिश का पानी संरक्षित किया जाएगा, जो दैनिक कार्यों जैसे कपड़े-बर्तन धोने, नहाने, धुलाई आदि में रॉ वाटर की तरह इस्तेमाल होगा। इससे विभाग से सप्लाई किए जा रहे पानी के इस्तेमाल में काफी हद तक कमी आएगी। जबकि, जल संस्थान से आपूर्ति किया गया शुद्ध पानी पेयजल व खाना बनाने में इस्तेमाल होगा।

संकट से निपटने को जरूरी

जल संस्थान हल्द्वानी के अधिशासी अभियंता संतोष उपाध्याय के मुताबिक ग्राम पंचायतों व नई बस रही कॉलोनियों में जाकर लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पानी के सदुपयोग के फायदे बताए जाएंगे। ताकि भविष्य में पानी के संकट से बचा जा सके।

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