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जैविक खेती अपनाएं काश्तकार: ¨सह

संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से उत्तराखं

By Edited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 07:10 PM (IST)
जैविक खेती अपनाएं काश्तकार: ¨सह
जैविक खेती अपनाएं काश्तकार: ¨सह

संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से उत्तराखंड बहुद्देश्यीय विकास निगम के सौजन्य से ढकरानी बावड़ी में जनजाति क्षेत्र के काश्तकारों को जैविक कृषि प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर में काश्तकारों को जैविक खाद के माध्यम से मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ाने की जानकारी भी मुहैया कराई गई।

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प्रशिक्षक पद्म ¨सह ने कहा कि रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है। जबकि, रासायनिक खादों के प्रयोग से पैदा होने वाली फसलें मानव शरीर पर भी कुप्रभाव डालती हैं। कहा कि जैविक खादों के माध्यम से काश्तकार जैविक खेती को अपनाएं, जिससे फसल उत्पादन बढ़ने के साथ ही उनकी गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। उन्होंने काश्तकारों को मिट्टी का परीक्षण कर मिट्टी के अनुसार ही फसलों का चयन करने की सलाह दी। सगंध पौध केंद्र के तकनीकी सहायक महेंद्र ¨सह चौहान ने कहा कि जैविक खेती से काश्तकार के साथ ही उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलता है। उन्होंने काश्तकारों को पौधरोपण करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पौधे जलवायु को भी संतुलित रखते हैं, संतुलित जलवायु खेती के लिए लाभदायक साबित होती है। इस दौरान निशा देवी, आरती, प्रियंका, परसराम, नितेश, अमृता, सोनिया, रीता आदि मौजूद रहे।


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