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तकनीकी रूप से कमजोर है बल्लीवाला फ्लाईओवर

जागरण संवाददाता, देहरादून: पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हालिया दिनों में बना शायद ही कोई फ्लाई

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)
तकनीकी रूप से कमजोर है बल्लीवाला फ्लाईओवर
तकनीकी रूप से कमजोर है बल्लीवाला फ्लाईओवर

जागरण संवाददाता, देहरादून: पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हालिया दिनों में बना शायद ही कोई फ्लाईओवर होगा, जिस पर अलग-अलग लेन न हो। यही इस परियोजना की सबसे बड़ी खामी है। गुरुवार रात घटी दुर्घटना के पीछे भी कहीं न कहीं इस तकनीकी खामी का हाथ माना जा रहा है। लोनिवि के तमाम इंजीनियर भी बल्लीवाला के साथ ही बल्लूपुर फ्लाईओवर को तकनीकी रूप से कमजोर मानते आए हैं। हालांकि इन खामियों को सुधारने की तरफ सरकार ने कभी ध्यान ही नहीं दिया।

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राजमार्ग पर वाहन अक्सर एक-दूसरे को ओवरटेक करते हैं और यह सामान्य बात भी है। मगर बल्लीवाला फ्लाईओवर में महज डबल लेन होने के चलते ओवरटेक करते ही वाहन दूसरी तरफ से आ रहे वाहन के सामने आ जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना होने के पूरे हालात बन जाते हैं। लोनिवि के रिटायर्ड मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम एके बिष्ट के मुताबिक राजमार्ग के फ्लाईओवर पर अलग-अलग लेन बनाई जाती हैं, ताकि गलती से भी दूसरी तरफ के वाहन सामने न आ पाएं। इस तकनीकी खामी को जानते हुए भी इसके पुल पर साइड की दीवार को ऊंचा नहीं बनाया गया। यही वजह रही कि गुरुवार को जो बाइक इस दीवार से टकराई, वह उछलकर नीचे सड़क पर गिर गई। इसी वजह से इस पर सवार दो युवकों की मृत्यु हो गई।

एप्रोच रोड पर भ्रम

फ्लाईओवर संकरा होने के चलते राजमार्ग के वाहनों को एप्रोच रोड पर आने में भ्रम का सामना करना पड़ता है। दरअसल राजमार्ग काफी चौड़ा है और इस पर गुजरते समय वाहन चालक का झुकाव न चाहते हुए भी सर्विस लेन की तरफ हो जाता है। यदि उसे पुल पर चढ़ना होता है तो हड़बड़ी में हल्का-सा दायीं तरफ मुड़ना पड़ता है और ऐसे में पीछे से आ रहे दूसरे वाहन से टक्कर होने की आशंका बढ़ जाती है।

बल्लूपुर पर राजमार्ग के वाहनों को राहत

बल्लूपुर पर बल्लीवाला फ्लाईओवर से इतर दूसरी एप्रोच रोड राजमार्ग की जगह शहर की तरफ मिलने वाले मार्ग पर मिलती है। ऐसे में राजमार्ग के वाहन पुल की जगह नीचे से सर्विस लेन से गुजरते हैं। इससे फ्लाईओवर पर वाहनों का दबाव बल्लीवाला से कम रहता है। इस लिहाज से इस फ्लाईओवर पर अपेक्षाकृत खतरा कम है। हालांकि तकनीकी रूप से यह भी बल्लीवाला की तरह ही कमजोर है।


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