हत्यारे पिता को धक्का देकर बेटे ने पूछा, क्यों खत्म किया परिवार
मां, भाई, बहन और नानी के हत्यारे पिता को देखकर 17 साल के बेटे में गुस्सा था। पिता उसे गले लगाना चाहता था, लेकिन वह गुस्से में था। फिर रोने लगा।
देहरादून, [जेएनएन]: दो साल से मां, भाई, बहन और नानी के लौटने की उम्मीद संजोए जीतेंद्र की नजरें जब पिता राजीव से मिलीं तो उसमें इंतजार का दर्द नहीं बल्कि नफरत और गुस्सा था। एसएसपी ऑफिस में राजीव ने जब जितेंद्र को गले लगाना चाहा तो पिता की हकीकत जान चुका जितेंद्र छिटककर दूर हट गया। यह देख वहां मौजूद अन्य संबंधियों के आंखों में भी आंसू आ गए।
दरअसल, चंडीगढ़ से गिरफ्तार किए गए राजीव को लेकर जब पुलिस देहरादून पहुंची तो उसकी पहचान के लिए अन्य संबंधियों के साथ ही जितेंद्र को भी एसएसपी ऑफिस बुलाया गया। यहां राजीव ने जितेंद्र को गले लगाना चाहा तो वह दूर हट गया। (यहां पढ़ें उस हत्यारे पिता की पूरी कहानी)
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इस दौरान अन्य लोगों ने तो राजीव से बात की, मगर गुमसुम जितेंद्र सिर्फ पिता को देखता रहा। राजीव ने उससे पूछा कि वह इस समय किस क्लास में है, मगर जितेंद्र ने जवाब नहीं दिया। जब पुलिस ने जितेंद्र से राजीव के बारे में कुछ पूछा तो उसने साफ कहा कि उसके पिता ने अगर गलती की है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
हालांकि, यह कहते हुए जीतेंद्र का गला भर आया और वह रोने लगा। वहीं, राजीव के चेहरे की भाव-भंगिमाओं से यह कहीं नहीं लग रहा था कि उसने कोई गलती की है। ..और शायद यही वजह थी कि जितेंद्र ने पिता के होते हुए भी खुद को अनाथ मान लिया।
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फेल हो गया था जितेंद्र
जिस समय गीतिका, इशिका, अरू और मिथिलेश की हत्या की गई, जितेंद्र 10वीं कक्षा में था। मां, भाई, बहन व नानी के अचानक लापता होने और परीक्षा से ऐन पहले पिता की आत्महत्या की खबर से वह अंदर तक हिल गया। बड़ी मुश्किल से उसने परीक्षा तो दी, लेकिन फेल हो गया।
तभी से अपनी मौसी प्रगति के साथ हरबर्टपुर में रह रहा जितेंद्र इस साल फिर हाईस्कूल की परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा है, मगर इस बार तो परिवार के लौटने की उम्मीद ही टूट चुकी है।
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रात-रात भर सुबकता है जितेंद्र
जितेंद्र रात-रात भर सुबकता रहता है। मौसी के लाख समझाने पर भी उसके चेहरे पर हंसी नहीं लौट रही। प्रगति ने कहा, जैसे भी हो उसे तो संभलना ही होगा। हम प्रयास कर रहे हैं कि इस बार वह अच्छी तरह हाईस्कूल की परीक्षा दे और जीवन में कुछ बन जाए।