उत्तराखंड में ये 15 मतदान केंद्र हैं 15 किमी से अधिक दूर, जानिए
उत्तराखंड में एक मतदान केंद्र की दूरी सड़क मार्ग से 20 किमी दूर है। वहीं 14 मतदान केंद्र ऐसे हैं जो सड़क मार्ग से 15 किमी या उससे अधिक की दूरी पर स्थित हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियां निर्वाचन आयोग के लिए भी चुनौती बनी हुई हैं। प्रदेश में एक मतदान केंद्र की दूरी सड़क मार्ग से 20 किमी दूर है। वहीं 14 मतदान केंद्र ऐसे हैं जो सड़क मार्ग से 15 किमी या उससे अधिक की दूरी पर स्थित हैं। इन मतदान केंद्रों तक पोलिंग पार्टियों को पैदल ही पहुंचना होगा। इसलिए ये पोलिंग पार्टियां मतदान से दो दिन पहले रवाना होंगी।
उत्तराखंड में इस समय पर्वतीय क्षेत्र बर्फ से आच्छादित हैं। ऐसे में इन इलाकों में चुनाव कराना आसान नहीं है। सबसे अधिक परेशानी उन मतदेय स्थलों पर चुनाव कराना रहेगी जो सड़क मार्ग से काफी दूर हैं। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में कुल 15 ऐसे मतदेय स्थल चिह्नित किए हैं जिनकी दूरी सड़क मार्ग से कम से कम 15 किमी है। जाहिर है कि ऐसे में इन स्थानों पर मतदान संबंधित समस्त सामग्री पैदल अथवा घोड़ों या खच्चरों पर लाद के ले जानी होगी।
ये पोलिंग पार्टियां इन स्थानों के लिए मतदान से दो दिन पूर्व रवाना हो जाएंगी ताकि वे संबंधित मतदेय स्थलों पर चुनावी तैयारियां कर सकें। इनमें से कई मतदेय केंद्रों में संचार की भी उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पोलिंग पार्टियों को सेटेलाइट फोन दिए जाएंगी और इन स्थानों पर लगातार वीडियो रिकॉर्डिग भी की जाएगी।
विधानसभा मतदेय स्थल दूरी
-बदरीनाथ डुमक 20 किमी
कलगोठ 18 किमी
-गंगोत्री, जौड़ाव 15 किमी
पिलंग 18 किमी
-घनशाली, पिनस्वाड़ 16 किमी
-धनोल्टी रगड़ गांव 15 किमी
घुड़साल गांव, 19 किमी
सैरा, 18 किमी
-धारचूला कनार 18 किमी
-कपकोट बोर बलड़ा 15 किमी
-लोहाघाट करौली 15 किमी
नौलियागांव 18 किमी
कलियाधूरा 17 किमी
-चंपावत बुंगादुर्गापीपल 15 किमी
कोटकेंद्री 17 किमी
टिहरी के 122 बूथों पर प्रशासन की अग्नि परीक्षा
अनुराग उनियाल। नई टिहरी लोकसभा चुनावी मोड में प्रशासन पूरी तरह आ चुका है, लेकिन टिहरी के 122 बूथ प्रशासन की पेशानी पर बल डाल रहे हैं। लोकसभा चुनाव में इन 122 बूथों पर प्रशासन की अग्नि परीक्षा होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में इन बूथों पर चालीस फीसद से कम मतदान हुआ था। ऐसे में इस बार प्रशासन ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग से लेकर प्रशासन ने पूरा जोर लगा दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े परेशान कर रहे हैं। जिले में पिछले चुनाव में 46 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिले के 122 बूथों पर चालीस फीसद से नीचे मतदान हुआ। इनमें घनसाली विधानसभा में सबसे ज्यादा 46 बूथ शामिल हैं। इसी तरह प्रतापनगर विधानसभा में 37 बूथ, देवप्रयाग में 20 बूथ, टिहरी विधानसभा में 19 बूथ, धनोल्टी में 17 बूथ और नरेंद्रनगर में छह बूथ शामिल थे। मतदान प्रतिशत की बात करें तो इन 122 बूथों में से नौ बूथों पर तो दस से भी कम वोट पड़े जबकि यहां पर वोटर की संख्या 100 से ऊपर थी। इन नौ बूथों में समगगांव, पिंसवाड़, तुणेटा, लंगडासू, कोल्टी, कांडा जाख, किमाई और मंदार के दो बूथ शामिल हैं। इस बार यहां पर प्रशासन की पूरी नजर है और वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे है।
नोडल अधिकारी निर्वाचन आशीष भटगाई ने बताया कि मतदाता जागरूकता के लिए पहले से ही कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। मतदान हमारा सबसे बड़ा अधिकार है और एक जिम्मेदारी नागरिक होने के नाते हर व्यक्ति को मतदान करना चाहिए। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी भवनों और कार्यालयों में और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीप के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है।
इनमें हुआ चालीस फीसद से कम मतदान
घनसाली- 46 बूथ
प्रतापनगर- 37 बूथ
देवप्रयाग- 20 बूथ
टिहरी- 19 बूथ
धनोल्टी- 17 बूथ
नरेंद्रनगर- छह बूथ
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