मिलावट बनी मुसीबत, सरकार उदासीन
राज्य ब्यूरो, देहरादून: खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने की राज्य सरकार की मंशा प
राज्य ब्यूरो, देहरादून: खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने की राज्य सरकार की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। दिलचस्प पहलू यह है कि इसके लिए खुद सरकार की उदासीनता ही सबसे बड़ा कारण बनी हुई है। उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा संवर्ग का नया ढांचा बने तीन वर्ष बीत चुके हैं, मगर ढांचे में मंजूर पदों पर नियुक्ति का मसला लटका हुआ है। कारण यह कि शासन अब तक इस संवर्ग की सेवा नियमावली तैयार नहीं कर पाया। ऐसे में मिलावट की समस्या से जनता को पूरी तरह निजात नहीं मिल पा रही।
खाद्य पदार्थो में होने वाली मिलावट आम जनता की सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है। खासतौर पर त्योहारी सीजन में विभिन्न खाद्य पदार्थो में मिलावट के प्रकरण बढ़ जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने जनवरी 2013 में ही खाद्य सुरक्षा संवर्ग का नया ढांचा स्वीकृत किया था, जिसमें 96 नियमित पदों के साथ ही 43 आउटसोर्सिग के पद भी स्वीकृत किए गए। अलबत्ता, स्वीकृत पदों पर भर्ती का मामला सिर्फ संवर्ग की नियमावली तैयार न होने के कारण अधर में लटका पड़ा है।
ऐसे में इस संवर्ग में उपायुक्त के दो पद व अभिहीत तीन पद खाली पड़े हैं, जबकि वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी के सभी 20 पद भी रिक्त पडे़ हैं। इसी तरह खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 50 में से 20 पद भी खाली हैं। ऐसे में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत व बागेश्वर जैसे जिलों में मिलावट पर अंकुश लगाने का काम भगवान भरोसे है। संवर्ग के गठन के बाद से नियमावली की फाइल शासन में लटकी पड़ी है और स्वीकृत पदों पर भर्ती की राह नहीं खुल पा रही।
इनसेट..
खाद्य सुरक्षा संवर्ग का नया ढांचा..
पदनाम संख्या
आयुक्त 01
संयुक्त आयुक्त 01
उपायुक्त 02
अभिहीत अधिकारी 13
वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी 20
खाद्य सुरक्षा अधिकारी 50
मुख्य सहायक 01
अवर सहायक 08
कनिष्ठ सहायक 18
लेखाकार व सहायक लेखाकार 02
अनुसेवक 19
आउटसोर्सिग 43
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कुल 139
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