एजीएम को परिचालकों को मार्गो पर भेजने का आदेश
जागरण संवाददाता, देहरादून: दफ्तरों में बैठ मुफ्त पगार ले रहे परिचालकों को लेकर महाप्रबंधक प्रशासन नि
जागरण संवाददाता, देहरादून: दफ्तरों में बैठ मुफ्त पगार ले रहे परिचालकों को लेकर महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव की सख्ती के बाद इन्हें तत्काल रूटों पर भेजने के आदेश शनिवार देर शाम जारी हो गए। एजीएम (कार्मिक) क्रांति सिंह ने सभी डिपो एजीएम को पत्र जारी कर इसके अनुपालन के आदेश दिए। साथ ही आदेश दिया कि परिचालक को दफ्तर में ड्यूटी देने से पहले मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी।
बता दें कि रोडवेज इंप्लाइज यूनियन की आपत्ति के बाद महाप्रबंधक यादव ने सभी डिपो से ऐसे परिचालकों का ब्योरा तलब किया था, जो रूट के बजाय दफ्तरों में लगे हुए हैं। पूरे प्रदेश में ऐसे 347 परिचालक व चालक हैं जो रूटों पर नहीं जा रहे। यूनियन के प्रदेश महामंत्री रवि पचौरी व अन्य के साथ इस संबंध में शुक्रवार को प्रबंधन की बैठक हुई थी। इसके साथ ही एजीएम कार्मिक ने अनुशासनिक प्रकरण में बी डिपो से जेएनएनयूआरएम डिपो हरिद्वार भेजे गए परिचालक सुनील कुमार के साथ ही ग्रामीण डिपो से कोटद्वार डिपो भेजे गए सुनील लायल का तबादला आदेश निरस्त कर दिया। इसके बाद यूनियन ने शनिवार की सुबह आरएम दफ्तर पर गेट मीटिंग पर अपना आंदोलन खत्म कर दिया। मीटिंग में क्षेत्रीय अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह व मंत्री हरी सिंह समेत दर्जनों कर्मचारी मौजूद रहे।
परिषद ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
रोडवेज कर्मियों की समस्याओं को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय महामंत्री रामचंद्र रतूड़ी के साथ परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। इस दौरान महिला कर्मियों से परिचालकों का काम न लेने की अपील की गई। साथ ही नई बसों को चलाने के लिए 300 चालकों की तत्काल भर्ती और आउटसोर्स कार्मिकों के नियमित होने तक उन्हें प्रतिमाह 15 हजार रुपये मानदेय देने और निगम को राजकीय रोडवेज बनाने की मांग की गई। भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी की गई।