उत्तराखंड: कर्ज लेकर जलेंगे सातवें वेतनमान की खुशी के दिये
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होते ही उत्तराखंड में सिर्फ वेतन, भत्तों और पेंशन पर होने वाला खर्च बढ़कर तकरीबन 14 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा।
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होते ही उत्तराखंड में सिर्फ वेतन, भत्तों और पेंशन पर होने वाला खर्च बढ़कर तकरीबन 14 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा। प्रदेश के सवा दो लाख कार्मिकों को वेतन बढ़ाकर दी जाने वाली खुशी के दिये कर्ज के घी से जलाने पड़ेंगे।
सालाना 2000 करोड़ से ज्यादा खर्च को पूरा करने के लिए बाजार की उधारी बढ़ना तय है। हाल ये है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले ही वेतन-पेंशन भुगतान को सरकार इसी माह दूसरी दफा बाजार से कर्ज को मजबूर हो गई है। अब फिर 250 करोड़ रुपये कर्ज लिया जाएगा।
प्रदेश के कार्मिकों को विधानसभा चुनाव से पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने की सरकार की तैयारी है। प्रदेश के सवा दो लाख सरकारी, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्तशासी निकायों के कार्मिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन का खर्च हर महीने पूरा करने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं।
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दरअसल, राज्य सरकार के नॉन प्लान का खर्च लगातार बढ़ रहा है। सिर्फ वेतन मद और भत्तों की मद में सरकार को सालाना 9500 करोड़ का बोझ उठाना पड़ रहा है। सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन के रूप में सालाना 2500 करोड़ का खर्च है। यानी सिर्फ वेतन-भत्ते और पेंशन पर ही सालाना 12 हजार करोड़ खर्च की नौबत आ रही है।
ऐसे में सातवां वेतनमान लागू होने के बाद यह राशि बढ़कर साढ़े 14 हजार करोड़ पहुंचने का अनुमान है। वित्त महकमे ने भी करीब 2500 करोड़ अतिरिक्त बोझ पडऩे का अनुमान लगाया है।
वर्तमान में बाजार से लिये जाने वाले कर्ज को चुकता करने में 2500 से 3000 करोड़ खर्च हो रहे हैं। सातवें वेतनमान के बाद बाजार की उधारी बढ़ना तय है। वैसे भी विधानसभा चुनाव होने तक प्रदेश में जनता पर करों का बोझ बढऩा मुमकिन नहीं है। ऐसे में खराब माली हालत का असर विकास कार्यों की रफ्तार पर दिखाई दे सकता है।
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वैसे भी सातवें वेतनमान के चलते वित्तीय हालत गड़बड़ाने की चुनौती चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार के खाते में जाना तकरीबन तय है। आमदनी कम और खर्च ज्यादा से पतली होती हालत का अंदाजा इससे लग सकता है कि इसी माह वेतन-पेंशन भुगतान को बाजार से दोबारा कर्ज लेने की नौबत आ गई है।
1000 करोड़ के बाद अब 250 करोड़ कर्ज लिया जा रहा है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के मुताबिक सातवें वेतनमान को ध्यान में रखकर बजटीय प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ कार्मिकों को जल्द दिया जाएगा।
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