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'लोगों से पूछूंगा, क्या मैंने अपराध किया'

विकास धूलिया, देहरादून 'मैं विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का व्यापक दौरा करूंगा और लोगों से जरूर पू

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)
'लोगों से पूछूंगा, क्या मैंने अपराध किया'

विकास धूलिया, देहरादून

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'मैं विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का व्यापक दौरा करूंगा और लोगों से जरूर पूछूंगा कि भाजपा जो आरोप लगा रही है, क्या वस्तुत: मैंने ऐसा कोई अपराध किया है। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस, मुख्यमंत्री के रूप में मेरे नेतृत्व में चुनाव में जाए तो पूरे विश्वास से जाए।' यह कहना है मुख्यमंत्री हरीश रावत का। स्टिंग से लेकर संगठन से तकरार और विपक्ष के भ्रष्टाचार से लेकर घोटालों के तमाम आरोपों को लेकर 'दैनिक जागरण' ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से विस्तृत बातचीत की।

-संगठन व सरकार के बीच जो तालमेल अपेक्षित होता है, उसमें खासी दरार नजर आ रही है।

-पार्टी या कहें संगठन का काम है सरकार को सावधान करना। अब यह काम वह मौखिक करे, पत्र भेजकर करे या फिर मीडिया के माध्यम से, हमारा दायित्व है उसके संदेश को ग्रहण करना। संगठन से जो भी भेजा जाता है, हम उसे ग्रहण कर लेते हैं।

-पीडीएफ को लेकर कांग्रेस में अनिश्चय की स्थिति है। अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, क्या पीडीएफ विधायकों को कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ाया जाएगा या कांग्रेस उनके लिए सीटें खाली छोड़ेगी।

-हमने पीडीएफ के साथ मिलकर पांच साल सरकार चलाई है तो चुनाव लड़ने का फैसला भी मिलकर ही करना पड़ेगा। कांग्रेस हर हालत में यह सिद्ध करना चाहती है कि हम सहयोग देने वालों का सम्मान करते हैं। चुनाव से जुड़ा फैसला पीडीएफ के दोस्तों को भी करना है। मिल बैठकर ही फैसला होगा और हम उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करेंगे।

-इन दिनों राज्य में चारों ओर कर्मचारी आंदोलित नजर आ रहे हैं। क्या यह सरकार के आश्वासन पूरे न होने की परिणति है या और कोई वजह।

-इसे दो तरह से देखा जा सकता है। कुछ संगठनों ने जो मांगें उठाई, उन्हें पूर्ण करने की कार्यवाही गतिमान है। कुछ संगठनों की मांग पूरी हुई, तो कुछ पाईपलाइन में हैं। कुछ संगठन अपने आंतरिक कारणों से भी आंदोलन कर रहे हैं। हम हमेशा जायज मांगों पर विचार के लिए तैयार और वार्ता के लिए उपलब्ध हैं। कभी-कभी कुछ गलतफहमी से भी आंदोलन होते हैं।

-विधानसभा चुनाव से पहले क्या ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

-थोड़ा-बहुत एडजस्टमेंट किया जा सकता है लेकिन मैं सनसनी पैदा करने में विश्वास नहीं करता। जो भी तबादले होंगे या दायित्वों में बदलाव होगा, वह रूटीन प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा।

-भाजपा पर्दाफाश यात्रा के जरिये चुनावी शंखनाद कर चुकी है, सरकार और आप पर तमाम आरोपों के साथ भाजपा मैदान में है।

-भाजपा की पर्दाफाश यात्रा में भाजपा के नवागंतुकों को लेकर जो अंतरविरोध है, उसका पर्दाफाश हुआ है। भाजपा ऐसी पार्टी है जो सुविधा के अनुसार आरोप लगाती है और सुविधा के अनुसार आरोपियों के साथ खड़ी भी होती है। कांग्रेस पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, आपदा, खनन, बीज घोटाला, पॉलीहाउस, उपनल आदि-आदि, इन सब तथाकथित घेटालों के कर्ताधर्ता भाजपा की पर्दाफाश यात्रा के नायक हैं। तथाकथित स्टिंग सीडी में भी सरकार गिराने के ऑपरेशन की बात कही गई है, भाजपा के कुछ राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओं के नाम लिए गए हैं, क्या भाजपा इनका पर्दाफाश कर रही है।

-तो आपको क्या लगता है कि भाजपा जिस उद्देश्य से यह यात्रा निकाल रही है, वे पूरे नहीं हो रहे हैं।

-बिल्कुल, भाजपा की पर्दाफाश यात्रा एक गालीगलौज और तमाशा बनकर रह गई है, राजनैतिक तमाशा। उन्होंने कहीं भी नीतिगत मामलों में हमारी गलतियों को नहीं बताया और न ही अपनी वैकल्पिक नीतियां बताई। सरकार के रूप में हमारी विफलताओं को भी उकेरने में वे असफल रहे। अब प्रदेश की जनता सच्चाई को भलीभांति समझ चुकी है।

-आपको क्या लगता है, केंद्र की भाजपानीत सरकार से राज्य की कांग्रेस सरकार को मदद नहीं मिल रही है।

-हमने केंद्र सरकार पर कभी असहयोग का आरोप नहीं लगाया। हमने तो तथ्य रखे कि कैसे अ‌र्द्धकुंभ के लिए धन नहीं दिया, आपदा के लिए स्वीकृत धनराशि नहीं दी। वित्त आयोग की संस्तुतियों से राज्य को हुए नुकसान का ब्योरा केंद्र को दिया। अब केंद्र ने हमारी सब बातों को स्वीकारा है कि उत्तराखंड के साथ गलत हुआ है। इसे दूर करने का आश्वासन भी दिया है। अगर कर देंगे तो हम केंद्र सरकार के आभारी रहेंगे। मुख्यमंत्री के तौर पर मेरा दायित्व है कि राज्य के हक की बात केंद्र के सामने रखूं। उम्मीद है कि वित्त आयोग की संस्तुतियों के कारण राज्य को 1700 करोड़ सालाना का जो नुकसान हुआ है, इसकी भी केंद्र सरकार भरपाई करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका भरोसा दिया है।

-अकसर यह बात सामने आती है कि विभाग बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित होते हैं, फिर विकास कैसे रफ्तार पकडे़गा।

-केंद्र को प्रस्ताव भेजने और बजट खर्च में सुस्त रफ्तार के आरोप हम पर लगाए जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। हम दोनों क्षेत्रों में सक्षम और सक्रिय हैं। हमने लोक निर्माण जैसे विभाग की खर्च की रफ्तार को तीन गुना कर दिया है। राज्य में वर्तमान में कोई विभाग ऐसा नहीं है, जिसकी खर्च करने की रफ्तार बढ़ न गई हो। जिला योजना से लेकर राज्य सेक्टर तक यही स्थिति है।

-आपने इतनी ज्यादा घोषणाएं कर डाली कि विपक्ष भाजपा आपको घोषणा मुख्यमंत्री कह रही है।

-घोषणाओं पर बहुत सारी बातें कही जा रही हैं। मैं संधिकाल और आपातकाल का मुख्यमंत्री हूं। मुझे कुछ मामलों में शॉर्ट रूट अपनाना पड़ा है तो कुछ मामलों में 2017-18 से लेकर 2018-19 के लिए भी कुछ योजनाओं का श्रीगणेश करना पड़ा। इसलिए भी मेरी घोषणाएं कुछ अधिक दिखाई दे रही हैं। सच यह है कि मेरी 70 प्रतिशत घोषणाओं पर अमल पूरा हो चुका है, जबकि 30 प्रतिशत घोषणाएं ऐसी हैं जिनमें कार्यवाही हो रही है या जिन्हें नीति के रूप में लेआउट किया गया है। मैं अगले पंद्रह दिनों के भीतर पूर्ण ब्योरे के साथ वर्ष 2002 से लेकर आज तक की पूरी स्थिति स्पष्ट करने जा रहा हूं। यही नहीं, इसी स्वतंत्रता दिवस पर कही गई बातों पर रोड मैप के साथ विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।


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