फायर लाइन की जांच को बनेगी कमेटी
राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन ने प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर पूरी तरह से नियंत्रण का दावा किया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन ने प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर पूरी तरह से नियंत्रण का दावा किया है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि बुधवार को 90 में से 76 स्थानों पर आग पूरी तरह काबू कर ली गई है। शेष 14 स्थानों पर भी नियंत्रण के कार्य अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि फायर सीजन से पूर्व फायर लाइन और अन्य एहतियाती कार्यो के भौतिक सत्यापन के लिए जल्द एक टीम गठित की जाएगी, जो परीक्षण करेगी कि फायर लाइन बनाने आदि के कार्य धरातल पर हुए भी या नहीं।
सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल से शुरू फायर सीजन के शुरुआत में जंगलों में आग की कई घटनाएं सामने आई। जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए युद्धस्तर पर प्रयास हुए। इसमें वायुसेना के हेलीकाप्टर की मदद भी ली गई। प्रदेश में जंगल की आग पर अब पूरी तरह नियंत्रण कर लिया गया है। अब 14 स्थानों पर भी आग को काबू करने का कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि, फायर सीजन अभी खत्म नहीं हुआ है। वन विभाग व अन्य संबंधित महकमे ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।
उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रदेश में कुल 3739 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुआ। हालांकि, अभी इस बात का आकलन किया जा रहा है कि किन किन स्थानों पर कितना जंगल आग से जला है। साथ ही, इससे कितना और कौन-कौन सी प्रजाति की वनस्पति जली है, इसका विस्तृत आकलन करने के बाद नुकसान की भरपाई के लिए जल्द प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि फायर सीजन से पहले एहतियाती कार्य धरातल पर हुए या नहीं, इसके स्थलीय निरीक्षण के लिए जल्द एक टीम गठित की जाएगी।
हालांकि, विगत दिसंबर व जनवरी में इस पर पांच करोड़ खर्च हुए। साथ ही, अप्रैल के अंत में पांच करोड़ की धनराशि भी जारी की गई। अपर मुख्य सचिव वन एस रामास्वामी ने बताया कि केंद्रीय विशेषज्ञ दल ने दीर्घकालिक उपायों के तहत वन क्षेत्रों में जल संरक्षण के कार्यो को तवज्जो देने के सुझाव दिए हैं। जंगलों में जरूरी नमी बरकरार रहे, इसके लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। चीड़ की पत्तियों से जल संरक्षण के लिए बायलॉजिकल चेकडैम बनाने पर भी विचार चल रहा है।
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विदेशी पर्यटकों को चेतावनी के बाद छोड़ा
अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में चौरासी कुटिया में दो विदेशी पर्यटकों के साथ वनकर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने का आरोप गलत है। उन्होंने बताया कि इस बाबत प्रमुख वन संरक्षक से पूरी जानकारी ली गई। चौरासी कुटिया क्षेत्र में पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क निर्धारित है, लेकिन इस मामले में उक्त दोनों विदेशी पर्यटक किसी दूसरे रास्ते बिना अनुमति के उक्त क्षेत्र में दाखिल हुए थे। वनकर्मियों ने इसका विरोध किया। उन्होंने बताया कि उक्त पर्यटकों को नियमों की जानकारी नहीं थी। लिहाजा, दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।