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सूबे में सफर पर भी वनाग्नि का साया

जागरण संवाददाता, देहरादून: विकराल रूप धारण कर चुकी वनाग्नि सूबे में सफर पर भी भारी पड़ सकती है। जंगलो

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)
सूबे में सफर पर भी वनाग्नि का साया

जागरण संवाददाता, देहरादून: विकराल रूप धारण कर चुकी वनाग्नि सूबे में सफर पर भी भारी पड़ सकती है। जंगलों में चौतरफा पसरी आग सड़कों तक आ रही तो आसमान में धुएं और धुंध की चादर पसरी है। ऐसे में सड़क और हवाई सफर प्रभावित हो रहा है। यदि अगले कुछ दिन तक मौसम ने करवट नहीं बदली और बारिश नहीं हुई तो चारधाम यात्रा पर भी आशंका के बादल मंडराने से इनकार नहीं किया जा सकता।

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दरअसल, वनाग्नि के लिहाज से यह बेहद संवेदनशील वक्त चल रहा है। बारिश न होने से सूरज की तपिश के साथ ही तेज हवा वनाग्नि के लिए आग में घी का कार्य कर रही है। सूबे के लगभग सभी हिस्से वनाग्नि की गिरफ्त में हैं। खासकर पर्वतीय इलाकों में आग ज्यादा विकराल रूप धारण कर चुकी है। जंगल की आग गांवों, खेत-खलिहानों के साथ ही रास्तों व सड़कों तक पहुंची है।

हाल में ही पौड़ी जिले में सात लोग सड़क तक पहुंची वनाग्नि की चपेट में आकर झुलस चुके हैं। शनिवार को राज्यपाल के सलाहकारों का टिहरी दौरा इसलिए रद करना पड़ा, क्योंकि आकाश में धुंध व धुंए के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। सूरतेहाल में साफ है कि यदि आने वाले दिनों में आग पर काबू नहीं पाया गया और बारिश नहीं हुई तो विकराल हो चुकी वनाग्नि सफर पर भारी पड़ सकती है।

इस सबके चलते चारधाम यात्रा पर भी आशंका के बादल मंडराने लगे हैं। यदि दावानल का क्रम ऐसे ही रहा तो सड़क और हवाई सफर प्रभावित हो सकता है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर वह उम्मीद जताते हैं कि तीन-चार मई को इंद्रदेव कुछ नेमत बरसाएंगे।


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