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पारंपरिक व आधुनिक पुलिसिंग का होगा समावेश: डीजीपी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: वरिष्ठ आईपीएस एमए गणपति ने प्रदेश के नौवें पुलिस महानिदेशक के रूप में शनिवार

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)
पारंपरिक व आधुनिक पुलिसिंग का होगा समावेश: डीजीपी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: वरिष्ठ आईपीएस एमए गणपति ने प्रदेश के नौवें पुलिस महानिदेशक के रूप में शनिवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्हें देश के सबसे कम उम्र पुलिस महानिदेशकों में एक माना जा रहा है। नए डीजीपी ने बदलते समय के साथ ही पुलिसिंग में बदलाव की जरुरत बताई है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक पुलिसिंग के साथ ही आधुनिक तकनीक का समावेश जरुरी है। इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे। इससे पूर्व निवर्तमान डीजीपी बीएस सिद्धू ने नए डीजीपी को कार्यभार सौंपा।

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शनिवार को पुलिस मुख्यालय में देर शाम निवर्तमान डीजीपी बीएस सिद्धू के विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए नए डीजीपी एमए गणपति ने कहा कि पुलिस फोर्स के लिए प्राथमिकता कानून तय करता है। उनकी कोशिश उत्तराखंड के जनता को साफ सुथरी पुलिसिंग देने के साथ ही मित्र पुलिस की छवि बरकरार रखने की होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया में अपराध का स्वरूप बदला है। इस समय आर्थिक अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराध के नए तरीके समाने आ रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक पुलिसिंग के साथ ही आधुनिक पुलिसिंग को जोड़ने की जरुरत है। इसके लिए सब इंस्पेक्टर और राजपत्रित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिए जाने की जरुरत है।

इससे पूर्व निर्वतमान डीजीपी बीएस सिद्धू ने अपने दो साल सात माह के कार्यकाल को पूरा करने के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कार्य अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर किए हैं। उन्होंने कहा कि जो कार्य उनके समय नहीं हो पाए वह भविष्य में जरुर पूरे होंगे। इस दौरान एडीजी अनिल रतूड़ी, आइजी संजय गुंज्याल व एसपी ममता वोहरा आदि ने निवर्तमान डीजीपी से जुड़ी बातों को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन एसपी निवेदिता कुकरेती ने किया। कार्यक्रम में एडीजी राम सिंह मीणा, अशोक कुमार आदि समेत तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

सिद्धू ने चार्जशीट पर उठाए सवाल

देहरादून: निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस सिद्धू ने चार्जशीट देने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर 2.7 साल तक उन्हें चार्जशीट क्यों दी गई। यह दुर्भाग्य है कि एक बदमाश व वन कर्मियों की शह पर पेड़ काटे गए, बावजूद इसके किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।


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